Ranchi : हेमंत सोरेन कैबिनेट में शुक्रवार को मनरेगा कर्मियों के मानदेय में जो बढ़ोतरी की गई है, उसका झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ ने विरोध किया है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष जॉन पीटर बागे ने कहा कि सरकार द्वारा मनरेगा कर्मियों का आगामी 1 अगस्त को निर्धारित विधानसभा घेराव को प्रभावित करने के उद्देश्य से मानदेय में मामूली वृद्धि की गयी है.
मानदेय में बढ़ोतरी वर्तमान समय की महंगाई के अनुरूप नहीं
जॉन पीटर ने कहा, मनरेगा कर्मियों के सभी विंग में केवल दो स्लैब बनाये गये हैं. एक 5 साल से कम कार्यानुभव वाले कर्मी और दूसरा 5 साल से अधिक कार्यानुभव वाले कर्मियों का. इसमें रोजगार सेवकों का 11000 एवं 12000, लेखा सहायक एवं कंप्यूटर सहायक को 14300 एवं 14800, कनीय अभियंता को 19000 एवं 19500 सहायक अभियंता को 22000 एवं 22500 तथा प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को 23,140 एवं 23,700 मानदेय में बढ़ोतरी की गयी है, जो वर्तमान समय की महंगाई के अनुरूप नहीं है. इससे मनरेगा कर्मी नाखुश हैं तथा सरकार के इस फैसले का गहरा विरोध करते हैं.
केवल ठगने का काम किया गया है- संघ
संघ का कहना है कि ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने सम्मानजनक मानदेय बढ़ोतरी का आश्वासन दिया गया था, किंतु मानदेय में दो – ढाई हजार की बढ़ोतरी कर केवल ठगने का काम किया गया है. सरकार की वादाखिलाफी एवं मनरेगा कर्मियों के साथ हुए छल से राज्य भर के मनरेगा कर्मी आक्रोशित हैं. वे आगामी 1 अगस्त को विधानसभा घेराव कार्यक्रम धारदार तरीके से करेंगे. मनरेगा कर्मी और भी उग्र आंदोलन करने के लिए तैयार हैं. सरकार को सड़क से सदन तक हर मोर्चे पर घेरने का काम करेंगे.
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