Pakur : सीटू का एक दिवसीय जिला स्तरीय सम्मेलन 22 अक्टूबर को संपन्न हो गया. सम्मेलन की शुरुआत सीटू के वरिष्ठ नेता कृष्णकांत मंडल ने संगठन का झंडा फहराकर की. सम्मेलन की अध्यक्षता मानिक दुबे और अब्दुल हक ने संयुक्त रूप से की. सम्मेलन को संबोधित करते हुए माणिक दुबे ने कहा कि बढती महंगाई, बंद होते उधोग-धंधे ने पूरे देश के साथ-साथ संथाल परगना के मेहनतकशों की स्थिति को अत्यंत प्रभावित कर दिया है. पाकुड़ और साहिबगंज जिले मे रोजगार का एक प्रमुख सेक्टर पत्थर उधोग की बंदी से लाखों कामगारों के समक्ष भूखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. इस इलाके का बीडी उधोग जिसमें तीन लाख कामगार काम करते हैं. जिसमें 90 प्रतिशत महिला कामगार हैं. कहा कि पाकुड़ जिले मे श्रमिकों के जीवन-जीविका पर छाए संकट के खिलाफ आंदोलन तेज़ करने की ज़रूरत है. मजदूरों को गोलबंद होने का आह्वान किया गया.
सममेलन मे बीड़ी, पत्थर, निर्माण, परिवहन व स्कीम वर्कर संगठनों से 110 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सममेलन के दौरान संथाल परगना बीड़ी वर्कर्स यूनियन और झारखंड राज्य निर्माण कामगार यूनियन की पाकुड़ जिला इकाईयो का चुनाव किया गया. साथ ही सीटू की एक जिला स्तरीय तदर्थ कमिटी का गठन भी किया गया जिसके संयोजक देवाषीश दत्ता चुने गए. सममेलन में रिजाउल करीम, गोपीन सोरेन, कृष्णकांत मंडल, तजामुल, शामियारा बीबी, मदन भंडारी, मदिना बीबी, नूर इस्लाम, रफीकुल इस्लाम और राहुल अमीन सहित एक सौ दस सदस्य शामिल थे.
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