Sanjeet Yadav
Palamu : पलामू जिले में इन दिनों किसानों के साथ धान क्रय केंद्रों पर नाइंसाफी हो रही है .किसानों से 40 किलो धान की जगह हर बोरे पर 42 किलो धान लिया जा रहा है. किसानों को जैसे ही केंद्र का मैसेज प्राप्त होता है, धान लेकर धान क्रय केंद्र पहुंचते है, लेकिन जिला एफसीआई पदाधिकारी की मिली भगत से किसानों को ठगने का सिलसिला भी लगातार जारी है.
किसानों से हर बोरी में 40 की जगह 42 किलो धान लिया जा रहा है. यह मामला पलामू जिले के मेदनीनगर चैनपुर धान क्रय केंद्र में देखने को मिला है. प्रभारियों पर जहां अधिक मात्रा में धान की तौल कराने का आरोप है तो वही ऑपरेटर की कमीशन खोरी की चर्चाएं भी जोरों पर है.
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कई खरीदी केंद्रों का हाल बुरा
जिले में कई धान क्रय केंद्रों का हाल बेहद खराब है. जिले में संचालित धान क्रय केंद्र में किसानों के साथ धान की तौल में धोखा किया जा रहा है. यहां किसानों से हम्माली, तौल, सिलाई जैसी मजदूरों की रकम तक वसूल की जा रही है. जबकि सरकार और पलामू उपायुक्त का निर्देश कुछ और ही है. कई केंद्रों में धान गीली होने और गिर जाने जैसे बहाने के एवज में 42 किलो तक धान की तौल की जा रही है. जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है.
कहां-कहां हो रही है धान क्रय केंद्र में किसानों के साथ नाइंसाफी
पलामू जिले के छतरपुर थाना में धान क्रय केंद्र पर पांकी धान क्रय केंद्र पर, लेस्लीगंज धान क्रय केंद्र पर, सतबरवा धान क्रय केंद्र पर, चैनपुर धान क्रय केंद्र पर ,हुसैनाबाद धान क्रय केंद्र पर, मनातू धान क्रय केंद्र पर किसानों से तौल में ज्यादा धान लिया जा रहा है. जिसके किसानों को उसके फसल का सही मुल्य नहीं मिल पा रहा है. और किसान परेशान है.
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अधिकारियों हेराफेरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं
आपको बता दें की पलामू उपायुक्त के निर्देश के अनुसार अनुमंडल पदाधिकारियों द्वारा लगातार… धान क्रय केंद्र पर छापेमारी एवं निगरानी भी की जा रही है. इसके बावजूद भी धान क्रय केंद्र के अधिकारी हेराफेरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
आखिर किसान जाये तो कहां जाएं ?
किसान जगन नारायण पांडे व सुरेंद्र पांडे का कहना है कि ऊपर से लेकर नीचे तक सब भ्रष्ट है. दिखावे के लिए निरीक्षण होता है. लेकिन कुछ हल नहीं निकलता है. उन्होंने कहा धान क्रय केंद्र पर 40 किलो की जगह पर 42 किलो धान बोरा में भरा जा रहा है और किसानों से पैसा भी लिया जा रहा है. इस शिकायत को लेकर हम लोग आखिर जाये तो कहां. क्योंकि सभी किसान ये जानते हैं ऊपर से नीचे सब भ्रष्ट है.
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आखिर सवाल उठता है अधिकारी व नेताओं पर?
आखिर सवाल उठता है कि राज्य सरकार ने धान क्रय केंद्र के माध्यम से धान खरीदने में विलंब इसलिए किया कि अभी धान में नमी है. नमी कम होने पर ही धान की खरीदारी की जायेगी. पिछले लगभग 10 दिनों से पलामू जिले के अधिकांश क्षेत्रों में धान क्रय केंद्र शुरू किया गया. अभी भी धान क्रय केंद्र में अधिकारियों द्वारा मानक वजन से कम कर के धान लिया जा रहा है. चैनपुर धान क्रय केंद्र में प्रति बोरा 42 किलो लिया जा रहा है. लेकिन रजिस्टर्ड में प्रति बोरा 40 किलो दिखाया जा रहा है.
धान में नमी के कारण लिया जा रहा 42 किलो
जब इस संबंध में चैनपुर केंद्र में तैनात अधिकारी से पूछा गया तो उनका कहना था कि धान में अभी भी नमी है. जिस कारण 40 किलो के बदले 42 किलो धान लिया जा रहा है. आखिर जब किसानों से 42 किलो धान लेना था. तो किसानों को इतना इंतजार क्यों कराया गया? मजबूरी बस किसानों ने सेठ साहूकार महाजनों को 10 से 12 किलो कि दर से धान बेच दिया. सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के कारण अभी भी किसानों को प्रति बोरा 2 किलो का चूना लगाया जा रहा है .यानी प्रति क्विंटल 5 किलो का नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है.
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किसानों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा
इसकी भरपाई कौन करेगा. इसे देखने वाला कोई नहीं है. राजनीतिक दल के नेतागण भी दिखावे के लिए 2-4 घंटा हंगामा करते हैं, उसके बाद चले जाते हैं. नतीजा ढाक के तीन पात. अगर गहनता से जांच की जाये तो पूरे जिले में ऐसा कोई भी केंद्र नहीं है. जहां किसानों के साथ नाइंसाफी नहीं की जा रही हो.
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