Bermo: बेरमो अनुमंडल अंतर्गत कसमार प्रखंड के पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रखंड प्रशासन के खिलाफ DDC को पत्र लिखकर शिकायत की है. प्रखंड प्रमुख और पंचायतों के मुखिया ने कसमार प्रखंड प्रशासन पर योजनाओं के चयन में उपेक्षा करने का आरोप लगाया है.
आठ पंचायत के मुखिया ने लिखा पत्र
जानकारी के अनुसार प्रखंड के आठ पंचायत के मुखिया ने उपविकास आयुक्त को पत्र लिखकर उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रखंड में कई सरकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. मनरेगा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार का अवसर देता है, लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों को पूछा तक नहीं जाता है. इसमें आवास प्लस, पेंशन और अन्य कार्यक्रम शामिल हैं. मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और प्रमुख से किसी भी तरह की राय नहीं ली जाती है. आवास प्लस चयन में भी फाइलों में किसी पंचायत में प्रधान का हस्ताक्षर नहीं लिया जाता है.
जांच की मांग
पत्र में प्रखंड प्रधान विजय किशोर गौतम, मुखिया अनुराधा चौबे, सिकंदर कपरदार, गुड़िया देवी, मंजू बाला देवी, प्रतिमा देवी, सरिता देवी, वीणा कुमारी, मालती देवी और सुमित्रा देवी ने उपविकास आयुक्त को इस मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है. इस संदर्भ में कसमार बीडीओ विजय कुमार ने बताया कि उन्हें इस बाबत किसी भी तरह का पत्र या प्रतिलिपि नहीं मिला है. प्रतिनिधियों ने अगर इस तरह का आरोप लगाया है तो यह सरासर गलत है. योजनाओं का चयन हो या कोई कार्यक्रम सभी तरह के कार्यक्रम में प्रखंड प्रशासन की ओर से प्रतिनिधियों को विधिवत सूचना दी जाती है.
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कसमार के प्रधान विजय किशोर गौतम ने बीडीओ पर पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में प्रमुख ने शुक्रवार को बीडीओ को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि उनसे विचार-विमर्श किए बिना प्रत्येक कार्यक्रमों में माननीयों को मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि बनाया जाता है, जो पंचायत राज अधिनियम के खिलाफ है. इससे पंचायत समिति के अधिकारों का हनन हो रहा है. उन्होंने बीडीओ पर आरोप लगाया है कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि के अधिकारों को छीनने का कार्य किया जा रहा है.
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