पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को विश्वभारती ने भेजा दूसरा नोटिस, तुरंत खाली करें जमीन…
आईटी, आईआईटी, मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कोई निवेशक नहीं आया
मार्च 2021 से अप्रैल 2022 के बीच तीन चरणों में रांची स्मार्ट सिटी के 51 प्लॉट के लिए ऑक्शन हुआ. पहले चरण में 9 दूसरे और तीसरे चरण में एक-एक प्लॉट का ऑक्शन हुआ. पहले चरण में नीलाम हुआ, कोई प्लॉट एजुकेशनल यूज का नहीं था. सभी 9 प्लॉट रेसिडेंशियल और मिक्स यूज के थे. इसके बाद दूसरे चरण में 4.5 एकड़ प्लॉट की नीलामी हुई, जिसमें हेल्थ मैनेजमेंट सेंटर बनेगा. तीसरे चरण में 2 एकड़ प्लॉट की नीलामी हुई. इसमें स्टूडेंट रिसोर्स सेंटर बनेगा. आईटी, आईआईटी और मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कोई निवेशक तीन चरणों में नहीं आया. झारखंड के कुछ निवेशक एजुकेशनल यूज के प्लॉट लेने के इच्छुक थे, लेकिन प्लॉट का आकार बड़ा होने के कारण उन्होंने हाथ खींच लिए. दरअसल स्मार्ट सिटी में एजुकेशनल हब के लिए 58. 97 एकड़ के 9 प्लॉट चिन्हित किये गये हैं. यानी औसतन 6.5 एकड़ के एक प्लॉट है, जबकि निवेशक दो से तीन एकड़ के प्लॉट चाह रहे थे.इन्वेस्टर्स को प्लॉट दे दिया, लेकिन अब रजिस्ट्री ही नहीं हो रही
रांची स्मार्ट सिटी में बिना ठोस प्लान और तैयारी के निवेशकों को बुला तो लिया गया है. ऑक्शन में उन्हें जमीन दे भी दी गई है. प्लॉट की पूरी राशि भी कॉरपोरेशन ने लिया है, लेकिन राशि जमा होने के 7 महीने बाद भी अबतक इन्वेस्टर्स के नाम प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं हुई है. एचईसी और सरकार के बीच जमीन हस्तांतरण में कुछ तकनीकी पेंच फंस जाने की वजह से जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो रही है. इससे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट करने वाले निवेशकों में काफी निराशा है. इन सब वजहों से भी अब मास्टर प्लान चेंज होने के बाद होने वाले ऑक्शन में निवेशकों के आने की संभावना कम होती जा रही है.अबतक के ऑक्शन में टॉप 500 शिक्षण संस्थानों में कोई नहीं आया- जीएम
रांची स्मार्ट सिटी के जीएम राकेश नंदक्योलियार ने बताया कि क्यूएस रैंकिंग में शामिल विश्व के टॉप 500 शिक्षण संस्थानों को रांची स्मार्ट सिटी में एक रुपये की टोकन मनी पर 25 एकड़ तक जमीन देने की घोषणा की गई है. लेकिन अबतक हुए ऑक्शन में कोई भी टॉप 500 शिक्षण संस्थान नहीं आया है. उन्होंने बताया कि दूसरे और तीसरे चरण के ई-ऑक्शन में दो प्लॉट की नीलामी हुई है. इनमें एक हेल्थ मैनेजमेंट सेंटर और दूसरा स्टूडेंट रिसोर्स सेंटर है. यह दोनों एजुकेशनल सेक्टर के हैं. इसे भी पढ़ें - नीलामी">https://lagatar.in/online-land-record-tampering-cases-increased-by-using-auction-paper-kolkata-deed-as-a-weapon-role-nic-is-also-suspicious/">नीलामीपेपर व कोलकाता डीड को हथियार बना जमीन के ऑनलाइन रिकॉर्ड में छेड़छाड़ के केस बढ़े, NIC की भूमिका भी संदिग्ध! [wpse_comments_template]