Ranchi: आम लोगों के मुकदमों की लड़ाई लड़ने वाले अधिवक्ता अब एक दूसरे के खिलाफ केस लड़ेंगे, क्योंकि रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं की लड़ाई अब कोर्ट की दहलीज तक पहुंच चुकी है. रांची जिला बार एसोसिएशन के प्रशासनिक सचिव पवन रंजन खत्री ने उनके साथ हुए दुर्व्यवहार के बाद अब न्यायालय की शरण ली है. पवन खत्री ने रांची जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शंभू अग्रवाल, महासचिव कुंदन प्रकाशन, कोषाध्यक्ष अमर कुमार सिन्हा, सह कोषाध्यक्ष अभिषेक भारती, कार्यसमिति सदस्य संजय तिवारी और बबलू सिंह पर दो वाद दाखिल किया है.
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कंपलेन केस में पवन खत्री ने उपरोक्त सभी पदाधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाया है कि सुनियोजित तरिके से उनके साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया. वहीं डिफेमेशन सूट में कहा गया है कि बिना किसी ठोस आधार के बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उन्हें सस्पेंड कर उनकी छवि धूमिल की जिससे उनके पेशे को भी नुकसान हुआ है.
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इस बीच रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं के बीच एक बार फिर यह मामला गॉसिप का विषय बन है. कुछ वकील तो यहां तक कह रहे हैं कि एसोसिएशन के लगभग सभी प्रभावशाली व्यक्तियों पर मुकदमा दर्ज किये जाने के बावजूद भी ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है. क्योंकि अपने पद के प्रभाव का इस्तेमाल करने में ये सभी गुरेज नहीं करेंगे.
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बता दें की यह पूरा विवाद रांची सिविल कोर्ट के पदाधिकारियों और एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बीच हुई एक बैठक को लेकर शुरू हुआ था. जिसके बाद एसोसिएशन के पदाधिकारी आपस में भीड़ गए थे. जिसके बाद लाइसेंस सस्पेंड करने से लेकर बार काउंसिल द्वारा शो कॉज किये जाने तक की प्रक्रिया हुई. अब पवन खत्री ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर न्याय की गुहार लगाई है.
RDBA के कोषाध्यक्ष अमर कुमार सिन्हा से हुई औपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा की वह इस बात के पक्षधर हैं कि आपसी सहमति से यह विवाद खत्म हो जाये. उन्होंने कहा कि इससे वकीलों का मान सम्मान बना रहेगा.