Chandigarh : पंजाब के CM चरणजीत चन्नी को गृह मंत्रालय द्वारा सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार क्षेत्र बॉर्डर से 50 किमी भीतर तक बढ़ाये जाने का फैसला रास नहीं आ रहा है. खबर है कि इसे लेकर मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. अपने पत्र में उन्होंने मांग की है कि बीएसएफ की स्थिति को पहले जैसा ही बरकरार रखा जाये. साथ ही उन्होंने इस मुद्दे पर पीएम से मिलने का समय मांगा है.
इस क्रम में चरणजीत चन्नी ने 25 अक्टूबर को सर्वदलीय मीटिंग बुलाई है. जान लें कि बंगाल की सीएम ममता भी इसका विरोध कर रही है. पंजाब में भाजपा को छोड़कर सभी सियासी दल बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र बढाये जाने के विरोध में हैं. उनका कहना है कि इससे पंजाब का 50 हजार स्क्वेयर किमी एरिया में से 27 हजार स्क्वेयर किमी एरिया बीएसएफ के कंट्रोल में आ जायेगा.
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BSF बॉर्डर की सुरक्षा करे, अंदर का मामला राज्य का
बताया जाका है कि पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि बीएसएफ को इंटरनेशनल बॉर्डर पर सिक्योरिटी की ट्रेनिंग मिलती है. देश के भीतर अमन-कानून की जिम्मेदारी राज्य पुलिस की होती है. पंजाब पुलिस ऐसे हालात से निपटने में पूरी तरह सक्षम है. लिखा है कि पंजाब पुलिस ने आतंकवाद को खत्म किया, जिसमें केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ उनका बढ़िया तालमेल रहा. याद दिलाया कि हाल ही में पंजाब पुलिस ने BSF के साथ मिलकर नशा तस्करों और आतंकियों के खिलाफ सफल ऑपरेशन किये हैं. उन्होंने पीएम से इस मुद्दे पर फिर से विचार करने की बात कही है. चन्नी ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था को बदलने का कोई न्यायिक आधार नहीं बनता.
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राज्य की शक्ति और भूमिका पर कब्जा करने की कोशिश
चरणजीत चन्नी ने लिखा है कि संदिग्ध की तलाश, बरामदगी और गिरफ्तारी का अधिकार पुलिस का है. इसे राज्य सरकार से सलाह किये बगैर किसी केंद्रीय एक्ट के जरिए BSF को सौंपना उचित नहीं है. उन्होंने इसे केंद्र द्वारा राज्य की शक्ति और भूमिका पर कब्जा करने की कोशिश बताया है. कहा कि केंद्र संघीय ढांचे की भावना और व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है.
जान लें कि केंद्र ने हाल ही में पंजाब में पाकिस्तान से लगते इंटरनेशनल बॉर्डर के 600 किमी एरिया से 50 किमी भीतर तक बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया है. इसमें बीएसएफ को सर्च, बरामदगी और गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया है. पंजाब के लिहाज से इस दायरे पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का समेत कई इलाके आ गये हैं. बता दें कि बीएसएफ को NDPS एक्ट, पासपोर्ट एक्ट और कस्टम्स एक्ट के तहत यह छूट है कि वह सीधे कार्रवाई कर सकती है.