NewDehi : राफेल डील के जिन्न के बोतल से बाहर आ जाने से कांग्रेस फिर रेस हो गयी है. कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गयी है. कांग्रेस ने कहा कि फ्रांस में राफेल डील की जांच के आदेश दिये गये हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि राफेल डील में गड़बड़ी हुई है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले की जांच के बाद राफेल डील का सच सामने आ गया है. कांग्रेस ने एक बार फिर दुहराया कि राफेल डील में रिश्वत दी गयी है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, चोर का दाढ़ी… #Rafalescam
चोर की दाढ़ी…#RafaleScam
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 3, 2021
French Public Prosecutor orders investigation into #Rafaledeal
Our TV Channels go ‘mum’ on #Rafale
फ़्रान्स के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने राफ़ेल सौदे में भ्रष्टाचार की जाँच शुरू की।
और हमारे देश के TV चैनलों ने ‘पूर्ण चुप्पी’ साध ली।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 3, 2021
इसे भी पढ़ें : तीरथ सिंह रावत इस्तीफा प्रकरण ममता बनर्जी के लिए संदेश तो नहीं?
कांग्रेस ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान का हवाला दिया
कांग्रेस ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि अनिल अंबानी की कंपनी को डील में साझेदार बनाने के फैसला भारत सरकार का था. कांग्रेस द्वारा मोदी सरकार पर हमले के पीछे का कारण वह खबर है जिसमें राफेल डील की जांच के लिए फ्रांस में एक जज की नियुक्ति किये जाने की बात कही गयी है.
फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विसेज की फाइनेंशियल क्राइम ब्रांच (PNF) ने कहा है कि इस डील को लेकर लगाये गये भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप की जांच की जायेगी. बता दें कि 2016 में हुई राफेल फाइटर जेट की डील 7.8 बिलियन यूरो की थी. इस समझौते के तहत भारत को 36 फाइटर जेट दिये जाने हैं.
इसे भी पढ़ें : कोरोना : अमेरिका और ब्रिटेन के रिसर्च ग्रुप का दावा, भारत में मार्च की शुरुआत में लॉकडाउन लग जाता, तो एक लाख मौतों से बचा जा सकता था
फ्रेंच एनजीओ शेरपा (Shrepa) ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी.
फ्रेंच एनजीओ शेरपा (Shrepa) ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी. फ्रेंच पब्लिकेशन मीडियापार्ट ने इस मामले कई रिपोर्ट प्रकाशित की थी. बता दें कि 2018 में भी शेरपा ने शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उस समय पीएनएफ ने इसे खारिज कर दिया था. फ्रांसीसी खोजी वेबसाइट मीडियापार्ट ने उस पर गंभीर आरोप लगाये थे। उसने कहा कि फ्रांसीसी जांच एजेंसी राफेल डील को लेकर जारी संदेहों को दबाना चाहती है. इससे पहले अप्रैल में मीडियापार्ट ने दावा किया था कि राफेल डील में मदद करने वाले लोगों को छिपाकर करोड़ों रुपये की दलाली दी गयी.
इसे भी पढ़ें : The New York Times ने पत्रकारों की भर्ती विज्ञापन में लिखा, बोलने की आजादी पर गंभीर सवाल खड़े कर रही मोदी सरकार
दलाली में से कुछ हिस्सा घूस के रूप में भारतीय अधिकारियों को दिया गया
मीडियापार्ट ने कहा कि इस दलाली में से कुछ हिस्सा घूस के रूप में भारतीय अधिकारियों को दिया गया. दसाल्ट ने इन आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि राफेल डील में कोई गड़बड़ी नहीं हुई. मोदी सरकार ने इस सौदे में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार का लगातार खंडन किया था. इन खबरों के बाद फ्रांस के एनजीओ शेरपा ने भ्रष्टाचार के संबंध में एक आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई थी. यह समझौता भारत सरकार और फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी डसाल्ट के बीच हुआ था और इसमें लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. हालांकि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपनी जांच में इन आरोपों में कोई दम नहीं पाया था.