Ranchi : शुरुआती ठंड ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. हर दिन तापमान में गिरावट दर्ज हो रही है और इससे बीमारियां बढ़ने लगी है. 8 साल तक के बच्चे निमोनिया के चपेट में आ रहे हैं. इसके साथ सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो पिछले साल की तुलना में इस साल 10 प्रतिशत तक मरीजों में वृद्धि हुई है. निजी अस्पतालों में भी बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.
सर्दी-बुखार के साथ सांस लेने में हो रही है तकलीफ
रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि बीते 1 सप्ताह में रिम्स के आउटडोर में 600 बच्चे इलाज के लिए पहुंचे. इनमें से 108 बच्चों को भर्ती किया गया. शेष बच्चों को डॉक्टर ने दवा लिख कर दिया है. बच्चों में निमोनिया, मलेरिया, डेंगू और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पीड़ित बच्चे हैं. इसके साथ ही सर्दी, बुखार के अलावा सबसे ज्यादा परेशानी सांस लेने में हो रही है. कम उम्र के कई बच्चों का ऑक्सीजन सेचुरेशन 80 से भी कम हो जा रहा है.
इसे भी पढ़ें : बिहार : लालू यादव के गांव में जमीन विवाद को लेकर चाकूबाजी, मुखिया समेत आठ घायल
बुजुर्गों का रखें विशेष ख्याल
रीम्स मेडिसिन विभाग के यूनिट इंचार्ज डॉ बी कुमार ने कहा कि ठंड में सबसे ज्यादा परेशानी 55 साल से अधिक के बुजुर्गों को होता है. ऐसे में विशेष आयु वर्ग वालों का खास ख्याल रखने की जरूरत है. घर से बाहर जाते हुए बिना गर्म कपड़े के इन्हें बाहर न निकलने दें. शाम होते ही आग जलाकर बुजुर्ग के पास रखें. रात में सोने के दौरान मोटी रजाई दें ताकि ठंड का एहसास न हो. उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में स्ट्रोक, हार्ट अटैक, अस्थमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, हाइपोथर्मिया के मरीज बढ़ जाते हैं. इसी के साथ हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ जाते हैं.
इसे भी पढ़ें : चाईबासा : हेमंत सरकार के कार्यकाल में चारों तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला – पुत्कर हेम्ब्रम