LagatarDesk : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने करीब एक साल बाद अमेरिका की पेमेंट टेक्नोलॉजी कंपनी मास्टरकार्ड को बड़ी राहत दी है. रिजर्व बैंक ने मास्टरकार्ड पर लगाये गये सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है. इसके अलावा आरबीआई ने मास्टरकार्ड को अपने नेटवर्क पर नये ग्राहक जोड़ने की इजाजत दे दी है. यानी मास्टरकार्ड अपने नये ग्राहकों को मास्टर डेबिट और क्रेडिट कार्ड इश्यू कर सकेंगे. (पढ़े, सुबह की न्यूज डायरी।।17 June।।जुमा पर प्रशासन अलर्ट।।अग्निपथ योजनाः जमकर बवाल।।योगी सरकार को SC का नोटिस।।राहुल को ED ने दी मोहलत।।J&K में तीन आतंकी ढेर।।समेत कई खबरें और वीडियो।)
मास्टरकार्ड ने आरबीआई के मानदंडों का किया था उल्लंघन
मालूम हो कि 22 जुलाई 2021 में मास्टरकार्ड (Mastercard) को जारी करने पर रोक लगा दी थी. इसके तहत बैंक और माइक्रो फाइनेंस कंपनियां ग्राहकों को नये क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड ग्राहक जारी नहीं कर सकते थे. कंपनी ने पेमेंट सिस्टम डाटा के स्टोरेज से संबंधित दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किया था. कंपनी ने इस नियम पर आरबीआई के मानदंडों का उल्लंघन किया था. इसलिए रिजर्व बैंक ने मास्टरकार्ड पर रोक लगाने का फैसला लिया था. इसलिए यह कदम उठाया गया था. आरबीआई ने यह रोक पेमेंट सेक्शन 17 और सैटलमेंट सिस्टम एक्ट 2007 के तहत लगायी गयी थी.
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जियोपॉलिटिकल रिस्क के कारण आरबीआई ने लाया था डेटा लोकलाइजेशन नियम
बता दें कि आरबीआई ने अप्रैल 2018 में डेटा लोकलाइजेशन के नियम जारी किये थे. डेटा से जुड़ी जियोपॉलिटिकल रिस्क को देखते हुए यह नियम निकाले गये थे. इस नियम के तहत कंपनी को भारतीय ग्राहकों के डेटा देश में ही रखने है. आरबीआई ने सभी सर्विस प्रोवाइडर्स को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि वे 6 महीने के अंदर पेमेंट से जुड़े सभी आंकड़े केवल भारत में ही रखने की व्यवस्था करें.
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कई कंपनियों ने किया था डेटा लोकलाइजेशन नियम का विरोध
गौरतलब है कि शुरुआत में जब आरबीआई ने यह नियम लागू कि था तब माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेजॉन समेत कई ग्लोबल बैंकों ने डेटा लोकलाइजेशन के नियमों का विरोध किया था. लेकिन बाद में धीरे-धीरे सभी कंपनियों ने इस नियम को एक्सेप्ट कर लिया. जबकि मास्टरकार्ड पर्याप्त समय और मौके देने के बाद भी कंपनी नियमों पूरी तरह खरा उतरने में विफल रही थी.
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क्या है मास्टरकार्ड
मास्टरकार्ड एक फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर है जो विभिन्न फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट के साथ पार्टनरशिप करता है. डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, गिफ्ट कार्ड इत्यादि जैसे कैशलेस इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के विभिन्न तरीकों की पेशकश करता है.
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