Patna: बिहार में जेलों की स्थिति पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रिपोर्ट तैयार की है. इसमें जेलों की संयुक्त् क्षमता के बारे में बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के जेलों में 47 हजार 750 कैदियों की क्षणता है. जबकि कारागारों में 64,000 कैदी बंद हैं. इसपर जेल आईजी ने प्रदेश में जेलों की संख्या बढ़ाने की बात कही है. बिहार की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तीन सदस्यीय टीम का बिहार दौरा
दरअसल, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तीन सदस्यीय टीम पहुंची है. टीम ने बिहार के छपरा मंडल कारा और बेउर सेंट्रल जेल का निरीक्षण किया. साल 2020 में छपरा जेल में स्प्रिट पीने से हुई मौत की शिकायत पर निरीक्षण करने केंद्रीय टीम बिहार आई है.
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प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते भी मिले कैदी
जांच के बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट जेल आईजी को सौंपी है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य ज्ञानेश्वर मूले ने कहा कि दोनों ही जेलों में क्षमता से दोगुने कैदी हैं. इनमें कानूनी सहायता को लेकर जागरूकता बहुत कम है. इसे लेकर कर्मियों और अधिकारियों से बातचीत की गई है. मूले ने बताया कि निरीक्षण के दौरान उन्हें बेउर जेल में यूपीएससी,बीपीएससी समेत अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले कैदी भी मिले.