Ranchi: झारखंड के साहेबगंज में पदस्थापित महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत की जांच कर रहे न्यायिक आयोग रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में लगा है. रूपा तिर्की मौत की जांच को दबाव बढ़ने के बाद सरकार की ओर एक सदस्यीय आयोग गठन किया गया था. आयोग का गठन सात जून को किया गया था. जिसके अध्यक्ष सेवानिवृत जज वीके गुप्ता बनाये गये थे. .आयोग ने जांच के दौरान 18 लोगों का बयान दर्ज किया है. इसी आधार पर आयोग अपनी रिपोर्ट को सरकार को सौंपने वाली है.
आयोग ने तीन बार निकाला नोटिस, किसी ने भी नहीं दी सूचना
प्राप्त जनकारी के अनुसार, जांच आयोग ने आम लोगों से रूपा तिर्की की मौत से संबधित जानकारी मांगी थी. इसके लिए आयोग ने तीन बार आम नोटिस समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया था. लेकिन आम नोटिस से आयोग को किसी प्रकार की सूचना नहीं मिली. आयोग ने अपने आम नोटिस में कहा था कि कोई भी व्यक्ति उपरोक्त मामले के तथ्यों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से परिचित हो या जिनके पास कोई जानकारी हो वो आयोग को लिखित रूप में दे सकते हैं.
बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट ने साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की मौत मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था. रूपा तिर्की के पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया. कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस बताते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था. रूपा तिर्की की लाश साहिबगंज के पुलिस लाइन स्थित एक सरकारी क्वार्टर में फंदे पर लटकी हुई मिली थी. साहिबगंज पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया. इस मामले में जांच के बाद रूपा तिर्की की मौत को आत्महत्या बताया था. जिसे रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव ने स्वीकार नहीं किया और मौत की सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. उन्होंने अदालत को बताया कि उनकी पुत्री की मौत की वजह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है.
इसे भी पढ़ें-सीसीएल कर्मी प्रकाश नोनिया की पहली पत्नी भटकने को विवश, पूर्व सांसद से की शिकायत