NewDelhi : कर्ज के जाल में फंसे रिलायंस समूह के मुखिया अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिला है. खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो के एक मामले (साल 2008) में रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस इन्फ्रा के पक्ष में फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के दो-न्यायाधीशों के पैनल ने गुरुवार को 2017 के आर्बिट्रेशन अवॉर्ड को अनिल अंबानी की इकाई के पक्ष में बरकरार रखा. इस फैसले के तहत रिलायंस इन्फ्रा को कुल 632 मिलियन डॉलर (लगभग 4600 करोड़ रुपए) मिलेंगे.
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रिलायंस इन्फ्रा को दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो के संचालन का ठेका मिला था
2008 में रिलायंस इन्फ्रा की इकाई ने दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो के संचालन के लिए एक ठेका हासिल किया था. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की इकाई ने 2008 में दिल्ली मेट्रो के साथ देश का पहला प्राइवेट सिटी रेल प्रॉजेक्ट 2038 तक चलाने का अनुबंध किया था. 2012 में शुल्क और संचालन पर हुए विवाद के बाद, अनिल अंबानी की फर्म ने प्रोजेक्ट बंद कर दिया. साथ ही कंपनी ने ठेका के कथित उल्लंघन को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट के खलाफ आर्बिट्रेशन का केस दर्ज किया.
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अनिल अंबानी के लिए यह फैसला महत्वपूर्ण है
अनिल अंबानी की कंपनी ने टर्मिनेशन फीस देने की भी मांग रखी. बता दें कि इस मामले में पहली बार 2017 में अनिल अंबानी की रिलायंस इन्फ्रा के पक्ष में फैसला आया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने इसी फैसले पर मुहर लगा दी है. कर्ज के बोझ में दबे अनिल अंबानी के लिए यह फैसला महत्वपूर्ण है. कंपनी के वकीलों ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि रिलायंस कर्जदाताओं को भुगतान करने के लिए पैसे का इस्तेमाल करेगी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को कंपनी के खातों को गैर-निष्पादित संपत्ति यानी एनपीए के रूप में चिह्नित करने से रोक दिया था.
रिलायंस इंफ्रा के शेयर में 4.95 फीसदी की तेजी
इस खबर के बीच, रिलायंस इंफ्रा के शेयर में 4.95 फीसदी की तेजी आ गयी। इस तेजी की वजह से रिलायंस इंफ्रा का शेयर भाव 74.15 रुपए के स्तर पर पहुंच गये. कंपनी का मार्केट कैपिटल एक बार फिर 1,950 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है.