Ranchi : दैनिक अखबार “शुभम संदेश” और वेब पोर्टल “लगातार” में 10 मार्च 2023 को “आंदोलन या धंधा, जनहित की आड़ में निजी हित साधने का आरोप” शीर्षक से खबर छपी थी. फिर 11 मार्च को “लोगों को ठगो अपना घर भरो“ शीर्षक से खबर छपी थी. जिसपर बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद और पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दैनिक शुभम संदेश और लगातार न्यूज को 58 लीगल नोटिस भेजा. नोटिस में कहा गया है, मेरे मुवक्किल को बदनाम और हतोत्साहित करने के लिए गलत/फर्जी खबर छापी गयी है. समाचार प्रकाशन से पूर्व अंबा प्रसाद से पक्ष जानने के लिए उनके व्हाट्सएप पर सवालों/आरोपों की सूची भेजी गयी थी. विधायक के जवाब को भी प्रकाशित किया गया था.
शुभम संदेश और लगातार न्यूज चुनौतियों से जूझकर पाठकों को खोजी और सच्ची खबर प्रकशित करता रहा है. ये बताना ही मकसद है. प्रकाशित खबरों पर संस्थान आज भी कायम है. आगे भी सबूतों, पक्की सूचनाओं पर खबर प्रकाशित करता रहेगा. दैनिक शुभम संदेश और लगातार न्यूज ने अपने हाईकोर्ट के अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह के माध्यम से विधायक और पूर्व मंत्री को लीगल नोटिस का जवाब भेज दिया है.
लीगल नोटिस का जवाब निम्न बिंदुओं पर आधारित है
1. यह कि वर्ष 2009 में योगेंद्र साव के विधायक बनने के बाद गिद्दी थाना क्षेत्र के एक स्पंज फैक्ट्री से पांच लाख की रंगदारी मांगने में FIR no 55/2011 दर्ज किया गया था. इसमें वे ढाई साल सजा काटकर जेल से बाहर निकले हैं.
2. यह कि योगेंद्र साव के कृषि मंत्री रहने के दौरान उनपर झारखंड टाइगर ग्रुप नक्सली संगठन बनाने और संचालन के मामले में गिद्दी में FIR no 48/2014 दर्ज किया गया. इस कारण उन्हें कृषि मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और सीआईडी जांच में आरोपों की पुष्टि हुई. वर्तमान में केस का ट्रॉयल चल रहा है. इस मामले में योगेंद्र साव के भाई और अन्य रिश्तेदार अभियुक्त हैं.
3. यह कि बड़कागांव थाना FIR no 228/2016 में योगेंद्र साव पर यह कहते हुए मामला दर्ज किया गया था कि अपने बेटे की कंपनी को एनटीपीसी में 30 प्रतिशत काम दिलाने के लिए दबाव बनाया और आंदोलन करवाया. लोगों को भड़काकर पुलिस पार्टी पर हमला करवाया. उस घटना में चार लोगों की मौत हुई थी. कोर्ट ने योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी पर लगे आरोपों को सत्य पाया और दोनों को दस-दस साल की सजा हुई. वर्तमान में दोनों हाईकोर्ट से जमानत पर हैं.
4. यह कि योगेंद्र साव की हरकतों के कारण उन्हें जिलाबदर किया गया था और उनपर सीसीए भी लगाया जा चुका था.
5. यह कि विधायक अंबा प्रसाद पर कर्णपुरा कॉलेज बड़कागांव में 48 लाख गबन के मामले में बड़कागांव थाना में नामजद FIR दर्ज है.
6. यह कि विधायक के भाई अंकित राज उर्फ सुमित अवैध बालू खनन, परिवहन और चालान जारी करने के मामले में नामजद अभियुक्त रहे हैं और इनपर बालू तस्करी से संबंधित आरोपों पर मीडिया में खबरें भी प्रकाशित होती रही हैं.
7. यह कि कथित रूप से पूर्व विधायक योगेंद्र साव की आवाज में एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें “ठीक है तुमको हम पंकरी बरवाडीह में 30 प्रतिशत काम मांगे थे, नहीं दिया लेकिन तुम जो केरेडारी और चट्टी बरियातू में काम चालू करने जा रहे हो, तो उसमें 10 प्रतिशत छोड़कर सब काम दो हमको” कहा जा रहा था. वायरल ऑडियो पर विधायक अंबा प्रसाद से सवाल पूछा गया था, विधायक ने जवाब में कहा, 90 प्रतिशत काम जनता के लिए मांगा जा रहा था. जबकि ऑडियो में काम स्वयं के लिए मांगने की बात कही जा रही थी.
8. यह कि बीते वर्ष दो और ऑडियो वायरल हुए थे, जिसमें टीपीसी से सांठगांठ करने और मंत्री बनाने के लिए दो-तीन करोड़ उग्रवादी संगठन से फंडिंग किए जाने की बात कही जा रही थी और हजार-दो हजार कमाने का लक्ष्य तय करने की बात कही जा रही थी. वायरल दोनों ऑडियो पूर्व विधायक योगेंद्र साव का बताया गया. वायरल ऑडियो के बाद एनआईए ने योगेंद्र साव से पूछताछ भी किया था. साव परिवार ने वायरल ऑडियो को गलत या उच्चस्तरीय जांच की बात नहीं की थी.
9. यह कि एनटीपीसी के पंकरी बरवाडीह में सौ एकड़ में अवैध खनन और अवैध परिवहन की खबरें शुभम संदेश में प्रकशित होने के बाद विधायक अंबा प्रसाद ने सौ एकड़ अवैध खनन की बात विधानसभा में उठाई, लेकिन अवैध ट्रांसपोर्टेशन पर मौन हैं.
उपरोक्त तथ्यों और प्रकरणों से साबित होता है कि शुभम संदेश और लगातार ने सही खबर प्रकाशित किया था. विधायक और पूर्व विधायक ने मीडिया पर दबाव बनाने और मनमानी के खुलासों पर रोक लगाने के इरादे से झूठी लीगल नोटिस भिजवायी.