Patna: बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली और डॉक्टरों की कमी की खबरें आये दिन सुर्खियां बनती हैं. बावजूद सुधार होता नहीं दिख रहा है. एक ओर जहां राज्य में डॉक्टरों की कमी है वहीं विशेषज्ञ डॉक्टर सेवा देने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें पोस्टिंग नहीं मिल रही है. राज्य के करीब पांच सौ पीजी डॉक्टर पढ़ाई पूरी कर पोस्टिंग की आस लगाये बैठे हैं. सरकार ने इन डॉक्टरों के पीजी की पढ़ायी की अवधि भी तीन महीने बढ़ा दी थी.
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पीजी डॉक्टरों की बांड आधारित पोस्टिंग होनी है
पिछले वर्ष अगस्त 2021 में ही अलग-अलग तिथियों को पीजी की पढ़ाई समाप्त हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के नियमों के तहत पीजी डॉक्टरों की बांड आधारित अनिवार्य पोस्टिंग सरकारी अस्पतालों में होनी है. जिसे लेकर अबतक कोई पहल नहीं की गयी है. दूसरी ओर, राज्य स्वास्थ्य समिति ने संविदा पर नियोजन के लिए डॉक्टरों से प्रस्ताव मांगा है.
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