Delhi: नियोजन नीति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रति शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है. इस बीच पूर्व में दी गयी अंतरिम राहत का आदेश जारी रहेगा. बता दें कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाइकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगायी थी. जिसमें झारखंड हाइकोर्ट की फूल बेंच ने राज्य सरकार की नियोजन नीति को गलत करार देते हुए नियोजन नीति के तहत 13 जिलों में हुई हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति को भी रदद् करने का आदेश पारित किया था.
हाइकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ नियोजन नीति के तहत नियुक्ति शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाते हुए याचिका दाखिल की थी. जिसपर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए राज्य सरकार को शिक्षकों को नहीं हटाने का आदेश दिया है.
तीन जजों की बेंच ने की सुनवाई
वहीं अब इस मामले में झारखंड सरकार भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने जा रही है. उम्मीद जतायी जा रही है कि अगली सुनवाई से पहले झारखंड सरकार के द्वारा एसएलपी दायर कर झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीशों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. तीन न्यायाधीशों की बेंच में जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह शामिल रहे. वादियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रहतोगी और राजीव धवन देश की शीर्ष अदालत के समक्ष उपस्थित हुए.