New Delhi : सुप्रीम कोर्ट द्वारा शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के कविता को जमानत देने से इनकार किये जाने की खबर है. तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी कविता को ईडी ने दिल्ली चाहिए तो निचली अदालत में जायें.
सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट की नीति सभी के लिए एक समान है. किसी को इस आधार पर जमानत के लिए सीधे यहां आने की अनुमति नहीं मिल सकती कि वह राजनीतिक हैसियत रखता है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Supreme Court refuses to entertain BRS leader K Kavitha’s bail plea, however issues notice on her plea challenging certain provisions of the Prevention of Money Laundering Act (PMLA) https://t.co/MXFLVu3e3x
— ANI (@ANI) March 22, 2024
तीन जजों की बेंच ने के कविता से निचली अदालत में जाने को कहा
यह टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने के कविता से निचली अदालत में जाने को कहा. पीठ का मानना था कि वह प्रोटोकॉल को नजरअंदाज नहीं कर सकती. पीठ ने कहा कि किसी भी जमानत के लिए सर्वप्रथम ट्रायल कोर्ट का रुख किया जाना चाहिए. पीठ ने बीआरएस नेता के पक्ष में दलील रखने वाले सीनियर वकील कपिल सिब्बल से कहा, हमारे विचार इस मामले में स्पष्ट हैं कि कोई केवल इसलिए सीधे सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकता क्योंकि वह एक राजनीतिक व्यक्ति है.
कपिल सिब्बल ने कहा, एक के बाद एक विपक्षी नेताओं को जेल भेजा जा रहा है
कपिल सिब्बल ने अदालत से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी. कहा कि एक के बाद एक विपक्षी नेताओं को जेल भेजा जा रहा है. इस पर अदालत ने कहा कि उसे कानून का पालन करना होगा. साथ ही सिब्बल से कहा, कृपया, इसे राजनीतिक मंच न बनायें. आप (सिब्बल) हमसे अनुच्छेद 32 के तहत किसी याचिका पर सीधे विचार करने के लिए सिर्फ इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वह व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट आ सकता है. लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सकता. नियम सभी के लिए एक समान होंगे.
जब सुप्रीम कोर्ट का इतिहास लिखा जाएगा, तो यह सुनहरे अक्षरों में नहीं होगा
इसके बाद सिब्बल ने निराशा जताते हुए कहा कि जब इस अदालत (सुप्रीम कोर्ट) का इतिहास लिखा जाएगा, तो यह सुनहरे अक्षरों में नहीं होगा. सिब्बल की बात पर पीठ ने कहा, कोई बात नहीं. हम देखेंगे. हमें एक समान व्यवहार करना होगा. इस के बाद तीन जजों की पीठ ने कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी. इस क्रम में पीठ vs कविता की पीएमएलए के प्रावधानों को चुनौती देने वाली उस याचिका पर ईडी से छह सप्ताह में जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने पीएमएलए के प्रावधानों को चुनौती दी है.
सरकारी गवाहों के बयान पर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है
तीन जजों की पीठ ने कपिल सिब्बल से कहा, प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका लंबित मामलों के साथ ली जायेगी. एक बात और कि सिब्बल ने शुरू में कहा थी कि सरकारी गवाहों के बयान के आधार पर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. पीठ का जवाब था कि इस समय वह मामले के गुण-दोषों पर विचार नहीं किया जा रहा है.