NewDelhi/Ahmedabad : चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बरी कर दिया है. गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह की, 2002 में एक सबक सिखाया.. वाली टिप्पणी को चुनाव आयोग (Election Commission) ने गलत नहीं माना है. चुनाव आयोग के अनुसार यह टिप्पणी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है.
शाह ने कहा था ,भाजपा सरकार ने 2002 में दंगाइयों को सबक सिखाया
बता दें कि 25 नवंबर को एक रैली में अमित शाह ने कहा था कि भाजपा सरकार ने 2002 में दंगाइयों को सबक सिखाया था. शाह के बयान पर सेवानिवृत्त नौकरशाह ईएएस सरमा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि गृहमंत्री के भाषण से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन ङुआ है.
सूत्रों के अनुसार सेवानिवृत्त नौकरशाह की शिकायत की जांच की गयी. इस मामले में गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गयी.
चुनाव आयोग ने पाया कि गृह मंत्री अपराधियों को सबक सिखाने की बात कर रहे थे, न कि किसी विशेष समुदाय को. शिकायतकर्ता सरमा ने शुक्रवार को कहा कि चुनाव आयोग को फैसला अपनी वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक करना चाहिए क्योंकि यह सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एक सार्वजनिक प्राधिकरण था और स्वत: प्रकटीकरण करने के लिए आवश्यक था.
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दोनों राज्यों में MCC उल्लंघन के सात हजार केस
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव गुरुवार को परिणामों की घोषणा के साथ खत्म हो गए. ईसीआई के सीविजिल ऐप के माध्यम से एमसीसी उल्लंघन के क्रमशः दोनों राज्यों में आचार संहिता उल्लंघन के 6,000 और 1,000 से अधिक मामले सामने आये. इस क्रम में हिमाचल में 800 और गुजरात में 5,100 मामले सही पाये गये. जानकारी के अनुसार गुजरात में लगभग 3,600 मामले बिना अनुमति के पोस्टर और बैनर लगाने से संबंधित थे. हिमाचल में इसकी संख्या 580 थी. हिमाचल में ऐप के माध्यम से धन वितरण के 185 मामले दर्ज किये गये. जानकारी के अनुसार गुजरात में 801.85 करोड़ रुपये की नकदी, शराब, ड्रग्स, कीमती धातु और अन्य उपहारों की बरामदगी हुई. जबकि 2017 के चुनावों में महज 27.21 करोड़ रुपये की ही जब्ती की गयी थी.
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