NewDelhi : पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कश्मीर में नये सिरे से आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश में जुट गयी है. इसे लेकर भारतीय खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान स्थित समूहों की ओर से एक नया आतंकवादी संगठन बनाने के बारे में अलर्ट किया गया है. खुफिया जानकारी है कि आईएसआई द्वारा कश्मीर के रास्ते भारत में तनाव पैदा करने की साजिश रची जा रही है. खबर है कि आईएसआई अधिकारियों और आतंकी समूहों के नेताओं के बीच बैठक हुई थी. इसमें गैर-कश्मीरी लोगों, भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोगों को भी टारगेट के रूप में चुना गया है.
इसे भी पढ़ें : पश्चिम बंगाल : मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर लौट रहे लोगों पर अपराधियों ने बम फेंके, छह घायल, वाहनों में तोड़फोड़
लिस्ट में कश्मीरी पंडित, नेता, मीडियाकर्मी, उद्योगपतियों के नाम
खबर है कि आईएसआई (ISI ) समर्थित आतंकवादी संगठन ने अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए 200 लोगों की हिट लिस्ट तैयार की है. इस लिस्ट में कश्मीरी पंडित, नेता, मीडियाकर्मी, उद्योगपतियों से लेकर गैर-स्थानीय लोगों के नाम हैं. खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार आईएसआई ने तय किया है कि पुलिस, सुरक्षा बलों, खुफिया विभागों के साथ काम करने वाले कश्मीरियों को मारना होगा.
जान लें कि आईएसआई आतंकी संगठनों का मुखौटा बदलने की भी जुगत में है. यही वजह है कि पिछले एकःडेढ साल के अंदर कई नये संगठन तैयार किये गये हैं. इन आतंकियों को लक्ष्य दिया गया है कि वे आम लोगों को निशाना बनायें, ताकि दहशत फैलाई जा सके. दि रेजिस्टेंस फोर्स ( TRF ) को इसी कड़ी का एक हिस्सा बताया गया है, जो लश्कर से जुड़ा है और पिछले कुछ समय में कई बेगुनाह नागरिकों की हत्या में इसका हाथ रहा है.
इसे भी पढ़ें : केरल में बारिश से बाढ़ जैसे हालात, अब तक 18 की मौत की खबर, CM की सेना से मदद की गुहार
उरी और तंगधार से एलसी के जरिए पिस्टल और ग्रेनेड की तस्करी
केंद्र सरकार द्वारा जारी अलर्ट में कहा गया है कि, ‘इसे एक सहज और पूरी तरह से स्वदेशी गतिविधि के रूप में पेश करने के लिए’, अपराध के कोई रिकॉर्ड नहीं रखने वाले, लेकिन उग्रवाद के प्रति सहानुभूति रखने वाले कश्मीरियों का इस्तेमाल किया जायेगा. सूत्रों के अनुसार आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के लिए उरी और तंगधार से एलसी के जरिए पिस्टल और ग्रेनेड की तस्करी की जा रही है. साथ ही एक नया आतंकी संगठन बनाया गया है, जोकि भारतीय जांच एजेंसियों को गुमराह करने के लिए लक्षित हत्याओं और हमलों की जिम्मेदारी लेगा.
माना जा रहा है कि आतंकी समूह इनकी हत्याओं के लिए ऐसे लोगों का इस्तेमाल करेंगे, जो अब तक सुरक्षाबलों की नजर से दूर हैं और जमीनी कार्यकर्ताओं के रूप में काम करते हैं क्योंकि इससे इन हत्याओं को सामान्य और पूरी तरह से स्वदेशी गतिविधि के तौर पर देखा जायेगा.
इसे भी पढ़ें : पेट्रोल-डीजल की कीमतें सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रही हैं, केंद्रीय मंत्री का इशारा, दाम अभी घटाना मुश्किल