पंडाल बनाने में करीब 20 लाख रुपये खर्च होंगे, जो पिछले साल के बजट से 9 लाख ज्यादा है.
डिस्टलरी पुल से कोकर बाजार तक लगने वाला लाइटिंग आकर्षण का केंद्र रहेगा.
इस साल मेला नहीं लगेगा.
यहां रांची के विभिन्न इलाकों के साथ-साथ आसपास के जिलों के लोग भी आते हैं.
26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक पूजा का आयोजन होगा.
Ranchi: कोकर दुर्गा पूजा समिति इस साल भव्य तरीके से दुर्गा पूजा का आयोजन कर रही है. समिति के अध्यक्ष चंचल चटर्जी ने बताया कि भव्य और आकर्षक काल्पनिक मंदिर का प्रारूप बनाया जा रहा है. इस बार भी मुख्य आकर्षण हमारी लाइटिंग होगी. एक महीने से 20 कारीगर पंडाल के निर्माण में लगे हुए हैं. 30 सितंबर तक पंडाल का निर्माण पूरा हो जाएगा. पूजा पंडाल इको फ्रेंडली होगा. पंडाल इतना बड़ा होगा कि एक बार में 500 से 600 श्रद्धालु अंदर जा सकेंगे.
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बांधगाड़ी दुर्गापूजा समिति में राजस्थान संस्कृति की झलक
यहां गुजरात और राजस्थान की कला संस्कृति पंडाल में दिखेगी. मुख्य प्रतिमा के साथ भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी 100 से ज्यादा मूर्तियां रहेंगी. अधिकांश मूर्तियां चलंत होंगी. पंडाल के निर्माण में करीब 25 लाख रुपये खर्च होंगे. पश्चिम बंगाल के मिदनापुर से आये 40 कारीगर पंडाल बना रहे हैं. पंडाल की लंबाई 100 फीट और चौड़ाई 70 फिट होगी. यहां कोकर, बूटी, बरियातू समेत रांची के अन्य इलाकों और दूसरे जिलों से भी श्रद्धालु आते हैं. पूजा समिति के सह सचिव राणा गोप ने बताया कि पूजा पंडाल का मुख्य आकर्षण श्रीकृष्ण से जुड़ी 100 मूर्तियां होंगी. अधिकांश मूर्तियां चलंत होगी. पंडाल में राजस्थान और गुजरात की कला और संस्कृति दिखेगी. पंडाल की वास्तुकला राजस्थानी होगी, जबकि भवनों पर उकेरी गई कलाकृतियां और प्रतिमाएं गुजराती कला-संस्कृति को पेश करेंगे. पंडाल के निर्माण में करीब 25 लाख रुपये खर्च होंगे.
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