Ranchi: विगत 32 वर्षों तक शीर्ष नक्सलियों की शरणस्थली का गवाह रहा बूढ़ा पहाड़ आज विकास के पथ पर है. राज्य सरकार की तमाम योजनाओं को यहां के लोगों तक पहुंचाने की कोशिश हो रही है. इन्हीं कोशिशों की जानकारी लेने शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूरे सरकारी महकमें के साथ बूढ़ा पहाड़ पहुंचे. ऐसा करने वाले वे राज्य के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं. स्थानीय लोगों से मुख्यमंत्री ने कहा, जिस लक्ष्य के लिए उन्होंने बंदूक-गोलियां उठायी थीं, उसे अब वे सरकारी योजनाओं से हासिल करें. हेमंत सोरेन ने गढ़वा जिले के टेहरी पंचायत स्थित बूढा पहाड़ के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये के बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया. इस दौरान मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरूण एक्का सहित कई अधिकारी उपस्थित थे.
लंबे संघर्ष और कार्ययोजना का परिणाम है कि लोग यहां आज यहां जमा हुए हैं- हेमंत
इस मौके पर सीएम हेमंत ने कहा, आज एक लंबे संघर्ष और कार्ययोजना का परिणाम है कि बतौर मुख्यमंत्री वे, सरकारी महकमा, ग्रामीण और आमजन यहां जमा हुए हैं. खूबसूरत वादियों को फिर से हराभरा करने के लिए सरकार ने एक सुनियोजित योजना बनाकर काम किया. आज यहां एक मजबूत नींव रखी गई है. हेमंत ने कहा कि आज यहां वे हेलीकॉप्टर से आए हैं, बहुत जल्द यहां सड़क मार्ग से आना संभव हो सकेगा.
ऐसे प्रभावित इलाकों के लिए केंद्र राज्य करे मदद
सीएम ने कहा, एक पिछड़ा राज्य होने के नाते झारखंड को आर्थिक मदद की जरूरत है. पहले ही जीएसटी से राज्य को आर्थिक नुकसान हुआ. चुनौती भरे राज्य के लिए जरूरी है कि ऐसे प्रभावित इलाकों के लिए केंद्र सरकार राज्य को अतिरिक्त आर्थिक मदद दें.
सुरक्षाबलों को उठाना पड़ा नुकसान, फिर भी मिली सफलता: डीजीपी
सीएम के साथ गए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नीरज सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा बल के जवानों के मजबूत हौसले और इनके द्वारा चलाए “ऑपरेशन डबलबुल” और “ऑपरेशन ऑक्टोपस” के कारण ही आज बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों-उग्रवादियों से मुक्त कराया जा सका. सुरक्षा कैंप बनाया गया. जिसका फायदा यह हुआ कि आपके अधिकार-आपकी सरकार-आपके अधिकार के तहत सरकारी योजनाएं इन सुदूर इलाकों में पहुंचाया गया. डीजीपी ने कहा, सुरक्षा बलों की ओर से चलाये जा रहे निरंतर अभियान के दौरान सुरक्षाबलों को काफी नुकसान उठाना पड़ा. गत कुछ दशकों में 59 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए. 64 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हुए. 42 ग्रामीणों की उग्रवादियों द्वारा हत्या की गई, 10 ग्रामीण गंभीर रूप से जख्मी हुए. ऑपरेशन डबलबुल से कई बड़ी सफलताएं मिली. अभियान में एक कुख्यात उग्रवादी मारा गया. 20 लाख रुपे के ईनामी 11 शीर्ष उग्रवादी गिरफ्तार हुए. 30 अत्याधुनिक हथियारों एवं भारी मात्रा में गोला बारूद की बरामदगी हुई, कई बंकर ध्वस्त किये गये. “ऑपरेशन ऑक्टोपस” से बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों-उग्रवादियों से मुक्त कराने में महत्ती सफलताएं मिली.
विगत तीन वर्षों में उग्रवादियों के विरूद्ध मिली सफलताएं
गिरफ्तारी : कुल 1319 उग्रवादियों गिरफ्तार हुए. इसमें पोलित ब्यूरो मेंबर -1 सेंट्रल कमिटी मेंबर-1, स्पेशल एरिया कमिटी मेंबर – 3, रिजनल कमिटी मेंबर – 1, जोनल कमांडर – 13, सब जोनल कमांडर – 29, एरिया कमांडर 57 शामिल हैं. इनपर कुल 2.63 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था.
आत्मसमर्पण : कुल 48 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया. इसमें स्पेशल एरिया कमिटी मेंबर-1, रिजनल कमिटी मेंबर-2, जोनल कमांडर-4, सब जोनल कमांडर-11, एरिया कमांडर-15 शामिल हैं. इनपर कुल 1.31 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था. इसमें मुख्य शीर्ष नक्सली कमांडर विमल उर्फ राधेश्याम, अमन गंझू, बड़ा विकास आदि शामिल हैं.
पुलिस मुठभेड़ में मारे गये नक्सली : कुल 31 उग्रवादी मारे गए. इसमें रिजनल कमिटी मेंबर बुद्धेश्वर उरांव सहित रिजनल कमिटी मेंबर-2 जोनल कमांडर-1. सब जोनल कमांडर-2, एरिया कमांडर-5, एवं दस्ता सदस्य- 21 शामिल हैं. सभी पर कुल 44 लाख रूपये का इनाम घोषित था.
फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (सुरक्षा कैम्प) : उग्रवादी कोर एरिया में कुल 44 नये फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेसों यानी सुरक्षा कैम्प स्थापित किये गए. सभी कैम्प विकास केन्द्रों एवं जनकल्याण केन्द्रों के रूप में विकसित किया गया.
इसे भी पढ़ें-हजारीबाग : पीएम मोदी के परीक्षा पे चर्चा को लेकर छात्रों में दिखा उत्साह, कहा- प्रेरणादायी
इन केंद्रों पर निम्न कार्य किए गए
- जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करना
- मनरेगा के तहत काम के लिए आवेदन
- विवाह पंजीकरण
- 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट के तहत योजनाओं की मांग
- डॉक्टरों द्वारा चिकित्सा सहायता और सेवाएं
- जिला पुलिस द्वारा आपातकालीन एंबुलेंस सेवाएं
- कैरेक्टर सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन एवं स्थानीय लोगों की सहायता से शिकायतों का निवारण
100 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुई बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (बीपीडीपी) की प्रमुख बातें…
– गढ़वा जिले के टेहरी पंचायत के 11 गांवों और लातेहार जिले के अक्सी पंचायत के 11 गांवों का संपूर्ण विकास किया जाएगा. यहां अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांवों में कुल 11,890 लोग निवास करते हैं, जिनमें 5869 महिला एवं 6021 पुरूष हैं.
– बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत इन सभी परिवारों की बुनियादी आवश्यकताओं जैसे : आवास, राशन, पेंशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के साथ – साथ उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की कार्रवाई की जाएगी.
– योजना के तहत इन सभी गांवों में आधारभूत संरचना जैसे : सड़क, पुल-पुलिया, विद्यालय, भवन, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य उपकेन्द्र, सिंचाई की सुविधा एवं खेल के मैदान विकसित किए जाएंगे.
– बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में कुल 5 करोड़ की लागत से योजनाओं का शिलान्यास एवं परिसंपति वितरण किया गया.
बूढ़ा पहाड़ पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन ने की कई घोषणाएं, युवाओं से अपील और लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण
घोषणाएं-
– वन उत्पादों को बढ़ावा देने की नीति के तहत सरकार वन उत्पादों का एमएसपी तय करेगी. इससे आश्रित ग्रामीणों को वन उपजों का उचित मूल्य मिल सकेगा. सरकार इन वन उत्पादों को खरीदेगी.
– सरकार हर गांव में एक दवा दुकान खोलने का काम करने जा रही है. इन दवा दुकानों को खोलने के लिए इंटर तक पढ़े लोगों को भी लाइसेंस मिल सकेगा. दुकानों को मोबाइल के जरिए सरकारी डॉक्टर से जोड़ा जाएगा, जहां 24 घंटे ऑनलाइन सेवा मिल सकेगी.
सीएम की अपील
जिस भी वजह से नौजवानों ने भटकाव की राह पकड़ी हो, उनसे कहना है कि वे मुख्यधारा में वापस आएं.
लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण
मौके पर सीएम ने 429 लाभुकों के बीच 1.25 करोड़ रूपये (1 करोड 25 लाख 81 हजार 303 रूपये) की परिसम्पतियों का वितरण भी किया. इसमें मिनी ट्रैक्टर, पम्पसेट, बर्मी बेड, बीज, कृषि उपकरण किट, खाद्यान राशन किट, सामुदायिक निवेश निधि, फूटबॉल किट आदि शामिल हैं. साथ ही मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, सर्वजन पेंशन योजना, मिशन वात्सल्य, ग्रीन राशन कार्ड, इत्यादि योजनाओं के लाभुको को स्वीकृति-पत्रों भी दिया गया.