आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स का निर्माण तय समय पर पूरा करने का निर्देश
Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को झारखंड मंत्रालय में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. सीएम ने अधिकारियों से राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान, (रिम्स) रांची के पुनर्विकास एवं विस्तार से संबंधित प्रस्तावित कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी ली. उन्हें निर्देश दिया कि रिम्स का एक बेहतर मास्टर री-डेवलपमेंट प्लान शीघ्र तैयार करें. इसमें भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए सभी चीजें सुसज्जित तरीके से व्यवस्थित करने की कार्ययोजना बनाएं.
रिम्स की अलग पहचान होनी चाहिए
सीएम ने कहा कि देश में रिम्स की अलग पहचान होनी चाहिए. स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण राज्य सरकार की प्राथमिकता है. रिम्स के री-डेवलपमेंट मास्टर प्लान में सभी हॉस्टल्स को एक जगह व सभी रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स को नॉर्थ ब्लॉक में शिफ्ट करने का प्लान बनाएं. अधिकारियों को निर्देश दिया कि फिलहाल रिम्स परिसर के 1600 बेड वाले इनडोर क्षेत्र का रिनोवेशन करें तथा बेसमेंट क्षेत्र को सील कर दें, ताकि बार-बार होने वाले वाटर लॉगिंग को रोका जा सके. बैठक में रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार व मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ हीरेंद्र बिरुआ भी उपस्थित थे.
आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएं
सीएम ने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारियों से प्रस्तावित आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स की टेंडर प्रक्रिया की जानकारी ली. अधिकारियों ने सीएम को बताया कि रांची व डालटनगंज में दो-दो आदिवासी कल्याण हॉस्टल का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, इन चारों हॉस्टल्स की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. रांची के विमेंस कॉलेज (साइंस ब्लॉक) परिसर में 525 अनुसूचित जनजाति की छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण तथा आदिवासी हॉस्टल कैंपस में 525 छात्रों के लिए छात्रावास का निर्माण किया जाना है. वहीं पलामू जिले के डालटनगंज में बाईपास रोड रेड़मा के पास 525-525 विद्यार्थियों की क्षमता वाले दो छात्रावास का निर्माण कार्य किया जाना है. सभी छात्रावासों का निर्माण एक महीने के भीतर प्रारम्भ कर दिया जाएगा. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नवनिर्मित सभी छात्रावासों में बाउंड्री वॉल, सुरक्षा गार्ड, सफाई कर्मी, रसोईया, फर्नीचर आदि की व्यवस्था दुरुस्त रहे यह हर हाल में सुनिश्चित करें. प्रस्तावित सभी छात्रावास निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण होने चाहिए. निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखें.
ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों की बाधाएं दूर करने का निर्देश
सीएम ने वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को राज्य में वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों की बाधाएं दूर करने का निर्देश दिया. कहा कि वन क्षेत्र के गांवों में बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का अपेक्षा के अनुरूप विकास नही हो पा रहा है. इस पर ध्यान दें .मधुबन से पारसनाथ (सिकर) हिलटॉप तक जोड़ने वाली सड़क के पुनर्निर्माण कार्य की बाधाओं को शीघ्र दूर करें. इस महत्वपूर्ण सड़क के जर्जर होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सीएम ने कहा कि विभाग के जटिल नियमों के कारण वन क्षेत्र में आने वाले गांवों के विकास में बाधा पहुंच रही है, इसे प्राथमिकता के आधार पर दूर करें .
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में सीएम के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सत्यजीत सिंह, एससी-एसटी एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव कृपानंद झा, भवन निर्माण सचिव अरवा राजकमल, ग्रामीण विकास सचिव के. श्रीनिवासन, वन एवं पर्यावरण सचिव अबू बकर सिद्दिकी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक शशिकर सामंता, मुख्य वन संरक्षक एसआर नटेश सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.
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