Ranchi : कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. शहर ही नहीं, अब गांव में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. गांव के तरीबन हर घर में एक मरीज है. ज्यादातर मरीजों का इलाज घर में ही चल रहा है. जांच नहीं होने की वजह से पता नहीं चल पा रहा है कि ग्रामीण किस बीमार से संक्रमित हो रहे है. कोरोना संक्रमण को ग्रामीण बीमारी नहीं, एक खराब हवा कह रहे है. उस हवा से बचने के लिए गांव में ग्रामीण परंपरागत तौर पर देवी-देवता से इस आपदा से बचाने की विनती रोगहरा पूजा के माध्यम से कर रहे हैं. कोरोना वायरस का संक्रमण और इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए लोगों में अब पूजा-पाठ की भी धारणा उत्पन्न होने लगी है.
ग्रामीण कोरोना को बता रहे खराब हवा
लगातार न्यूज ने रोगहरा पूजा—पाठ की सच्चाई जानने के लिए खूंटी जिले के कई गांव का दौरा किया. सेतागडा, दाडीगुट्टू, भूत, तारूप, सरजोमा, मरंगहदा, दुल्ली, तिलमा, कुजराम और हाटिंगचौली गांव के ग्रामीणों से बातचीत की. ग्रामीणों का कहना है कोरोना बीमारी नहीं, खराब हवा है. पहले भी ऐसे ही खराब हवा चलते थे, तब गांव के गांव साफ हो जाते थे. 2020 में हवा कमजोर थी. मगर इस बार की हवा लोगों को अपने चपेट में लेने के बाद छोड़ नहीं रही. गांव में हवा का प्रकोप कम हो, इसलिए गांव में रोगहरा पूजा—पाठ शुरू हो गया है.
सूर्य की रोशनी निकले से पहले होती है रोगहरा पूजा
खूंटी जिले के बुरूडीह से दो किलोमीटर पहले तीन मुहाना है. उस तीन मुहाने का नाम है सलगाडीह मोड. यहां से एक सडक बुरूडीह से सलगाडीह गांव तक जाती है. इसी तीन मुहाने पर आसपास गांव के लोग रोज पूजा करते है. यह रोगहरा पूजा सुबह सूर्य की रौशनी निकलने से पहले होती है. ग्रामीण एक मिट्टी के बरतन में धूप, हवन, कपूर, काला—लाल कपडा, नीबू और झाडू लेकर आते हैं. उस मिट्टी के बरतन को तीन मुहाने पर रखकर हवन करते हैं. फिर उसे छोड कर चले जाते हैं. अगर वह मिट्टी का बरतन टूट जाता है, तो पूजा सफल मानी जाती है.
कोरोना वायरस से बचाने के लिए गांव में हो रहा तरह-तरह का अनुष्ठान
दूसरी तरफ ग्रामीण इस बात पर विश्वास करते हैं कि अगर सुई लगा नींबू किसी बीमार के सिर पर से 7 बार वार कर, औछ कर, चौराहे पर रख दिया जाए और अगर उस नींबू को पार कर कोई चला जाए, तो उस बीमार व्यक्ति की सारी बीमारी उस व्यक्ति को लग जाती है. वहीं कई गांव में ग्रामीणों ने ग्राम देवता से अरज लगाई है कि इस संकट से उबारने में मदद करें. कई गांवों में महिलाओं ने स्थानीय देवी मंडपों में पूजा अर्चना कर कोरोना के खतरे से बचाव की मन्नते मांग रहीं हैं. महिलाओं का कहना है कि देवी-देवता खुश रहेंगे, तो कोरोना संक्रमण का घर-परिवार, गांव-समाज पर कोई असर नहीं होगा.