- मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन अविलंब सीबीआई जांच का आदेश दें : प्रतुल
- ईडी ने चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बड़गाईं की 8.86 एकड़ जमीन के बीच सीधा कनेक्शन बताये
Ranchi : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड में जो जमीन लूट के बड़े-बड़े कारनामे हुए हैं, उसका कवर अप ऑपरेशन अभी जारी है. ईडी की चार्जशीट के तुरंत बाद रिकॉर्ड रूम में हुई चोरी जमीन घोटाले को छुपाने की बड़ी साजिश है. प्रतुल ने कहा यह अविश्वसनीय है कि रिकॉर्ड रूम से जमीन के कई दस्तावेजों को अलमारी के ताले तोड़कर चुरा लिये गये. इस परिसर में पुलिस कर्मियों की हमेशा तैनाती रहती है. प्रतुल ने कहा के जैसे-जैसे जमीन लूट की दास्तान खुलती जा रही है, एक के बाद एक सफेदपोश बेनकाब होते जा रहे हैं. प्रतुल ने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से मांग की है कि वह अविलंब इस मुद्दे पर सीबीआई जांच का आदेश दें. वरना उनकी पूरी सरकार शक के दायरे में आ जाएगी. जिस परिसर में पुलिसकर्मी मौजूद हैं, वहां ऐसी चोरी कैसे हो गई? वह भी तब जब ईडी जमीन लूट से संबंधित कागजात की ही जांच कर रही है.
‘जमीन से हेमंत सोरेन का सीधा नाता है’
प्रतुल ने कहा कि ईडी की चार्जशीट के बाद तो हेमंत सोरेन और बड़गाईं की 8.86 एकड़ जमीन की लूट का सीधा कनेक्शन जुड़ता हुआ दिख रहा है. कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा बार-बार कहता था कि हेमंत सोरेन का जमीन से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन चार्जशीट ने नेक्सस को स्पष्ट कर दिया कि यह उनकी ही बेनामी संपत्ति है. प्रतुल ने कहा कि चार्जशीट में है कि भानु प्रताप अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन कब्जा का सिंडिकेट चलता था. उसके यहां जब छापा पड़ा तो एक ब्राउन रंग की फाइल भी बरामद हुई, जिसमें बड़गाईं एवं अन्य जमीनों से संबंधित कागजात मिले थे. प्रतुल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विनोद के बीच चैट में इसी लालू खटाल, बरियातू एरिया में मैरिज हॉल के बनने का नक्शा भेजा गया है और इस पूरे इलाके में इतनी बड़ी कोई दूसरी जमीन नहीं है. प्रतुल ने कहा कि बैजनाथ मुंडा और श्यामल पाहन जो आरोपी राजकुमार पाहन के रिश्तेदार भी हैं, उन्होंने कहा है कि यह जमीन हेमंत सोरेन की कब्जे में 2010 से रही है. केयरटेकर संतोष मुंडा ने तो कहा कि 14-15 वर्षों से जमीन हेमंत की है. प्रतुल ने कहा कि अब सीओ मनोज कुमार ने स्पष्ट कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार पिंटू के प्रधान सचिव उदय शंकर के द्वारा इस जमीन को वेरीफाई करने के लिए कहा गया. इस बात की पुष्टि अभिषेक पिंटू के प्रधान सचिव उदय शंकर और खुद अभिषेक पिंटू ने ईडी को दिए गए अपने बयानों में की है. बल्कि पिंटू ने तो यह भी कहा है कि हेमंत सोरेन की दो और जमीनों को वेरीफाई करने के लिए उदय शंकर को कहा था.
ईडी के जब्त पेपर में सीएमओ अर्जेंट भुइहरी लिखा है
ईडी ने जो फाइल जब्त किया है, उसमें सीएमओ अर्जेंट, भुइहरी लिखा है. ये लिखा होना ही पूरी लूट की कहानी को बयां करता है. जो ईडी ने कागज जब्त किया उसमें एक बहुत ही सनसनीखेज कागज है. जिसमें इसी जमीन के पंजी दो का ब्लैंक पेज से रैयत का नाम गायब था. यानी उसमें हेमंत सोरेन का नाम जोड़े जाने की तैयारी थी. एसएआर कोर्ट ने सिर्फ 20 दिनों में 9 जनवरी 2024 से 29 जनवरी 2024 के बीच पूरे जांच को खत्म करके जमीन को लौटाने का आदेश दे दिया. इसी बीच जमीन का वेरिफिकेशन भी हो गया. तीन-तीन नोटिस भी चले गए. इस कोर्ट में सिर्फ यही मामला था, जिसमें 20 दिन में फैसला सुना दिया. यह भी एक रिकॉर्ड है.
राजकुमार पाहन के पूर्वजों ने 1978 से 1989 के बीच लगभग 40 एकड़ जमीन अलग-अलग लोगों को बेची. सिर्फ यही 8.86 एकड़ जमीन खाली थी, जिसपर कब्जा कर लिया गया.
बड़गाईं की जमीन पर राजकुमार पाहन का कब्जा नहीं
ईडी के चार्जशीट में खुशबू मुंडा के दो बिलों का जिक्र है. खुशबू मुंडा संतोष मुंडा की बेटी है. 2017 में फ्रिज और 2022 में स्मार्ट टीवी खरीदा है. पता इसी भूमि का दिया है. तो यह साफ दिखता है कि इस समय यह जमीन पर संतोष मुंडा रह रहा था, जो खुद बता रहा है कि यह जमीन हेमंत की है और इस पर राजकुमार पाहन का कब्जा नहीं था.
दिल्ली से जब्त बीएमडब्ल्यू कार भी हेमंत की : प्रतुल
प्रतुल ने कहा कि जिस बीएमडब्ल्यू गाड़ी के मालिकाना हक से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत इनकार कर रहे हैं. ईडी को दिये बयान में उन्होंने खुद कहा कि 28 जनवरी 2024 की रात को मैं अपनी ब्लू रंग की बीएमडब्ल्यू गाड़ी से निकला. यानी खुद मान रहे हैं कि वह उसके मालिक हैं. चार्जशीट में जिक्र है कि शोरूम में उन्होंने जाकर इस गाड़ी को खुद पसंद किया था. प्रतुल ने कहा कि रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन ने भी अपने बयान में कहा है कि पिंटू का सचिव उदय उन्हें अक्सर जमीन के वेरिफिकेशन के लिए कहा करता था. प्रतुल ने कहा कि अब झारखंड मुक्ति मोर्चा और हेमंत सोरेन कुछ भी कह लें, लेकिन बड़गाईं की इस जमीन से उनके तार सीधे जुड़े हैं और उन्होंने सरकारी तंत्र की सहायता से इस जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था.
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