LagatarDesk : कैब कंपनी ओला (OLA) और उबर (Uber) के मर्जर की खबर चर्चा में थी. ऐसी तमाम खबरों से अटकलों का बाजार गर्म हो गया था. हालांकि ओला कंपनी के को-फाउंडर भाविश अग्रवाल ने इस बात पर विराम लगा दिया है. भाविश ने साफ कर दिया कि ओला और उबर का मर्जर की खबर बकवास है. अग्रवाल ने अपने ट्वीट में लिखा कि ओला बहुत प्रॉफिटेबल कंपनी है और कंपनी की ग्रोथ भी अच्छी है. हम कभी भी किसी कंपनी के साथ मर्ज नहीं करने वाले हैं. (पढ़ें, पीएम मोदी ने CJI की मौजूदगी में कहा, जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों की रिहाई प्रक्रिया में न्यायपालिका तेजी लाये)
उबर ने भी मर्जर की खबरों को किया खारिज
भाविश ने यह भी कह दिया कि अगर कोई दूसरी कंपनी मार्केट छोड़ना चाहती है तो उसका स्वागत है. दूसरी तरफ उबर ने भी इन खबरों को गलत बताया. कंपनी ने कहा कि ओला के अधिकारियों के साथ उनकी कोई मीटिंग नहीं हुई है. कंपनी का मर्जर का भी कोई प्लान नहीं है.
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ओला और उबर का इंडियन मार्केट सही नहीं चला
ओला और उबर के इंडियन मार्केट की बात करें तो दोनों कंपनियां मुश्किलों का सामना कर रही हैं. एक तरफ ओला को अपना ग्रॉसरी वाला बिजनेस बंद करना पड़ गया. दूसरी तरफ उबर को भी अपना ‘उबर ईट्स’ भी जोमैटो को बेचना पड़ा. मार्केट में बढ़ते कॉमपिटीशन के बीच मुश्किलों के बावजूद दोनों कैब कंपनियों को ग्राहकों को बिग डिस्काउंट देने पड़े. जिसके कारण स्थिति थोड़ी और बिगड़ गयी.
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एशिया में केवल जापान और भारत तक सीमित रह गया उबर का कारोबार
वर्तमान समय में उबर को ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उबर का बाजार फिलहाल एशिया में केवल जापान और भारत तक ही सीमित रह गया है. कुछ देशों में उबर ने अपनी सर्विस भी बंद कर दी है. दूसरी तरफ कोरोना ने भी दोनों कंपनियों के कारोबार को प्रभावित किया.
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भारत की बड़ी EV कंपनी बन गयी है ओला
मालूम हो कि कुछ दिन पहले ओला ने दावा किया था कि उसका कैब सर्विस बिजनेस महीने दर महीने प्रॉफिटेबल बन रहा है. EV बिजनेस भी अच्छा परफॉर्म कर रहा है. कुछ महीने के भीतर ओला इलेक्ट्रिक भारत की बड़ी EV कंपनी बन गयी है. बता दें कि ओला सिर्फ कैब बुकिंग की सर्विस उपलब्ध कराती है. कंपनी के पास अपनी कोई कार नहीं है. ऐप के जरिए वो कस्टमर्स को कैब और ड्राइवर्स को कस्टमर से जोड़ती है. ऐप पर हुई सभी बुकिंग्स पर किराये का 15% कंपनी कमीशन लेती है.
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