Ranchi : झारखंड पुलिस के दो डीएसपी पर मुकदमा चलेगा. जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने झारखंड पुलिस के डीएसपी पवन कुमार और मजरुल होदा के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. अभियोजन की स्वीकृति मिलने के बाद अब इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
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क्या है डीएसपी पवन कुमार पर आरोप
बता दें कि 7 जुलाई 2016 को रांची के नक्सल प्रभावित बुंडू के आदर्श नगर में रहने वाले रूपेश को पुलिस ने एक कपड़ा दुकान से पूछताछ के लिए उठाया था. पूछताछ में अत्यधिक पिटाई के कारण 8 जुलाई 2016 को रूपेश की मौत हो गई थी. इस मामले में सीआईडी ने अपना अनुसंधान शुरू किया और जांच में डीएसपी समेत अन्य पुलिसकर्मियों को दोषी पाया. सीआईडी ने इस मामले में तत्कालीन थानेदारों पंकज कुमार तिवारी, अशोक कुमार और बॉडीगार्ड रितेश कुमार पर चार्जशीट भी किया था. लेकिन अब डीएसपी पवन कुमार के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति संबंधी आदेश कोर्ट में जमा करने के बाद डीएसपी पर भी मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हो गया है. इसी मामले में भादवि की धारा 304, 323- 34 और एसटी एससी एक्ट के तहत अभियोजन की स्वीकृति दी गयी है.
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मजरुल होदा ने ट्रक ड्राइवर पर चलायी थी गोली
धनबाद के हरिहरपुर थाना क्षेत्र में 13 जून 2016 की रात करीब 11 बजे तत्कालीन डीएसपी बाघमारा मजरुल होदा और तत्कालीन हरिहरपुर थानेदार संतोष रजक सादे लिबास में चेकिंग चला रहे थे. इसी बीच चमड़ा लदे एक ट्रक को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन ट्रक चालक मोहम्मद नाजिम ने ट्रक की स्पीड और बढ़ा दी. सीआईडी की चार्जशीट के मुताबिक अधिकारियों ने ट्रक का पीछा कर ड्राइवर को गोली मार दी. जख्मी ट्रक चालक ने इलाज के दौरान बयान दिया था कि उसे लगा था कि अपराधी उसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए नजदीक के पुलिस स्टेशन में जाने के लिए ट्रक की स्पीड बढ़ा दी थी. जबकि पुलिस अधिकारियों ने गोली मारने के बाद एक पिस्टल, दो खोखे और कुछ कारतूस जब्त दिखाते हुए बताया था कि ट्रक चालक और अन्य ने मिलकर पुलिस पर गोलियां चलाई थीं. इसमें दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एक ट्रक चालक के बयान पर, जिसमें डीएसपी, इंस्पेक्टर आदि दोषी बनाये गये थे. इसी मामले में डीएसपी के खिलाफ़ धारा 307, 468, 471, 201-34 / 120-बी के तहत अभियोजन की स्वीकृति दी गई है.
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