Ujjain : हम भगवान शिव को पूजते हैं क्योंकि वे तपस्वी हैं. सभी देवता तपस्वी थे. भारतीय संस्कृति में तपस्वियों को पूजा जाता है. भगवानों का तप तो अतुलनीय है लेकिन और लोग भी तपस्या करते हैं. बड़ी तपस्या उन मजदूरों की है, जो कोरोना काल में पैदल मुंबई, बेंगलूरु आदि क्षेत्रों से देश में एक से दूसरे कोने तक गये. देश के किसान, युवा, मजदूर, छोटे व्यापारी-व्यवसायी, मीडियाकर्मी तपस्वी हैं. भाजपा वाले भगवान के आगे हाथ जोड़ते हैं लेकिन जो इस देश में तपस्या करता है, उन्हें खत्म करते हैं, मतलब वे भगवान का अपमान करते हैं.
BJP के लोग भगवान के सामने हाथ जोड़ते हैं और जो इस देश में तपस्या करता है उसे खत्म करते हैं।
मतलब… भगवान का अपमान करते हैं।
🔹किसान के अंदर भगवान हैं
🔹छोटे दुकानदार के अंदर भगवान हैं
🔹मज़दूर के अंदर भगवान हैं
🔹मीडिया वालों में भगवान हैं– श्री @RahulGandhi pic.twitter.com/QvuApFIQWo
— Congress (@INCIndia) November 29, 2022
महाकाल का दरबार, शिव भक्त @RahulGandhi जी की हाजिरी और जनता का आशीर्वाद#महाकाल_की_नगरी_में_राहुल pic.twitter.com/NqIykkdmpY
— Congress (@INCIndia) November 29, 2022
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को भगवान शिव की नगरी उज्जैन में एक जनसभा में तपस्या और तपस्वियों को नये अंदाज में परिभाषित करते हुए भाजपा पर हल्ला बोला. उन्होंने किसान, युवा और छोटे व्यापारियों को तपस्वी करार देते हुए सरकार और भाजपा को निशाने पर लिया. राहुल ने कहा, देश के तपस्वियों को तप का फल नहीं मिल रहा, उनका अपमान हो रहा है.
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शाम के 8 बजते ही दिल की धड़कन बढ़ जाती है, मोदी जी ने नोटबंदी की थी
राहुल ने अपने भाषण में नोटबंदी-जीएसटी, रोजगार, किसान, हिंदू धर्म पर बात की. कहा कि हिंदू धर्म कहता है, तपस्वियों की पूजा होना चाहिए, तो इस देश में ऐसा क्यों नहीं हो रहा. जो तपस्या कर रहा है, उसे सरकार कुछ नहीं देती और जो नरेंद्र मोदी की पूजा कर रहा है उसे सबकुछ दे देती है. कहा कि दो-चार लोग नरेंद्र मोदी की दिनभर पूजा करते हैं. उन्हें रेलवे, पोर्ट, एयरपोर्ट सबकुछ मिल जाता है. आज भी शाम के 8 बजते ही दिल की धड़कन बढ़ जाती है क्योंकि मोदी जी ने नोटबंदी की थी. 12 बजे जीएसटी लागू की थी.
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नोटबंदी-जीएसटी से आपने रीढ़ की हड्डी तोड़ दी
नोटबंदी-जीएसटी से आपने रीढ़ की हड्डी तोड़ दी. अब फिर से इसे जोडऩा पड़ेगा. हम दो हजार किलोमीटर चलें, बड़ी बात नहीं है. चेहरे पर थकान नहीं दिखेगी क्योंकि देश के तपस्वी बात समझ रहे हैं. तपस्वियों का अपमान हो रहा है. वे इस यात्रा को मदद कर रहे हैं. यह कांग्रेस की नहीं हिंदुस्तान की यात्रा है.
किसान के हाथ फटे होते हैं उसका दर्द उसके हाथ में होता है. उसकी तपस्या के निशान उसके हाथों में होते हैं. यात्रा में हजारों किसानों ने हाथ मिलाया. हर किसान यही पूछ रहा है कि हमें तपस्या का फल क्यों नहीं मिलता. पेट्रोल 60 से107 रुपए हो गया. हम तपस्वियों का सारा पैसा मोदी की पूजा करने तीन चार लोगों के हवाले क्यों किया जाता है.
यात्रा में रोज युवाओं से मिलता हूं, उन्होंने भी तपस्या की है
यात्रा में रोज युवाओं से मिलता हूं. उन्होंने भी तपस्या की है, पढ़ाई की है, कहा, डिग्री ली है, इंजीनियर बनना चाहते हैं. तपस्या का फल नहीं मिलता, मजदूरी करनी पड़ती है. छोटा व्यापारी सुबह से काम पर लगता है. दो-तीन कर्मचारी को भी रोजगार देता है. दिनभर काम करता है. उसके पास ज्यादा पैसा नहीं होता. यदि बड़े उद्योगपतियों का कैश फ्लो एक साल भी रुके तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. छोटे व्यापारी का एक महीने केश फ्लो रोका तो समझो गला पकड़ लिया, दो महीने रोका तो मार दिया. यह मोदी के भक्तों के इशारे पर हो रहा है.