Ranchi: झारखंड स्टेट बार काउंसिल को एक अज्ञात व्यक्ति ने पत्र लिखकर राज्य के महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग की है. पत्र में लिखा गया है कि महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता का आचरण कोर्ट के समक्ष अच्छा नहीं था और उनके द्वारा किया गया कृत्य वकालत के पेशे की गरिमा के अनुकूल नहीं है. पत्र लिखने वाले ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए पिछले दिनों झारखंड हाई कोर्ट में हुई एक सुनवाई के वाकये का जिक्र करते हुए उक्त दोनों अधिवक्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग की है. यह पत्र झारखंड स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन के नाम लिखा गया है. पत्र 6 सितंबर को लिखा गया है, जिसे आज बार काउंसिल ने रिसीव किया है. अज्ञात व्यक्ति द्वारा लिखे गए पत्र पर स्टेट बार काउंसिल का अगला कदम क्या होगा, यह देखना काफी महत्वपूर्ण होगा.
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काउंसिल से जानकारी मांगी है
बता दें कि इससे पहले महाधिवक्ता राजीव रंजन ने झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूर्व में अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण व अधिवक्ता ऋतु कुमार के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के मामले में पूरी जानकारी देने को कहा है. बार काउंसिल को लिखे गए पत्र के माध्यम से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पूछा है कि DC अपील 12/2011 और DC अपील 13/ 2011 के मामले में फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई है या नहीं ? यदि अपील दायर नहीं की गई है तो क्यों ? इसका क्या कारण है ? उक्त बिंदुओं पर पूरी जानकारी 1 सप्ताह में देने को कहा गया है. महाधिवक्ता ने यह भी कहा है कि 1 सप्ताह के अंदर काउंसिल की ओर से जानकारी नहीं दिए जाने पर एडवोकेट एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए आगे बढ़ेंगे. उल्लेखनीय है कि एक व्हिसलब्लोअर ने महाधिवक्ता को पत्र लिखा था. महाधिवक्ता में पत्र को गंभीरता से लेते हुए काउंसिल से जानकारी मांगी है. इधर स्टेट बार काउंसिल के द्वारा एक पत्र जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल के निर्वाचित सदस्य राजीव रंजन के महाधिवक्ता बनने के बाद काउंसिल के एक सदस्य का पद खाली हुआ है.