Ranchi : बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि जब राज्य में रक्षक ही भक्षक बने बैठे हैं, तो सीआइडी जांच की विश्वसनीयता क्या होगी. बाबूलाल ने कहा कि सिमडेगा में संजू प्रधान की मॉब लिंचिंग और पलामू के दारोगा लालजी यादव की संदिग्ध आत्महत्या के मामले पर राज्यपाल ने डीजीपी को तलब किया, तो डीजीपी ने मामलों की सीआईडी से जांच कराने का आश्वासन दिया है. लेकिन प्रश्न उठता है कि जब रक्षक ही भक्षक बने बैठे हैं. पूरा प्रशासनिक तंत्र संदेह के घेरे में है. बेईमान- भ्रष्टाचारी अफ़सरों को सत्ता का खुला संरक्षण है तो ऐसी सीआइडी जांच की विश्वसनीयता क्या होगी और इस पर कौन भरोसा करेगा.
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सिमडेगा एसपी खुद संदेह के घेरे में हैं
बाबूलाल ने कहा कि ओडिशा से बरामद हुए सोने के जेवर के हेरफेर में सिमडेगा के एसपी खुद संदेह के घेरे में हैं. वहीं दारोगा का अपने ही वरीय अधिकारी द्वारा पैसे के लिए दबाव के कारण आत्महत्या करनी पड़ी. राज्य में बालू, पत्थर से लेकर अवैध उत्खनन के मामलों में प्रशासकीय संरक्षण के कारण आज अपराधी- माफिया की हिम्मत इतनी बढ़ी हुई है कि बालू तस्कर अब गढ़वा के एसडीएम को ही कुचल कर मारने की कोशिश करते हैं. जेल से अपराधी अपना रंगदारी व्यवसाय चला रहे हैं. जेलों में बंद अपराधियों के ऐशो-आराम की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल है. हत्या, लूट और नक्सलियों की बढ़ती वारदातों से स्पष्ट है कि राज्य में कानून व्यवस्था आज अपने सबसे कमजोर अवस्था में है.
अमरदीप यादव ने CBI जांच की मांग को लेकर राज्यपाल को लिखा पत्र
वहीं, बीजेपी पिछड़ा जाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप यादव ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को ईमेल भेजकर लालजी यादव की संदिग्ध मौत पर सीबीआइ जांच की मांग की है. उन्होंने मौत से जुड़े 40 साल उठाते हुए उसका जवाब पुलिस विभाग से मांगा है. उन्होंने कहा कि यह 40 बिंदू हत्या की संभावना को साबित कर रहे हैं.
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