Saurav Singh
Ranchi: लोहरदगा जिला में 23 जनवरी 2020 को विश्व हिंदू परिषद सहित विभिन्न संगठनों द्वारा नागरिक संशोधन कानून के समर्थन में तिरंगा यात्रा निकाली गई थी. इस दौरान भड़की हिंसा के प्रभावितों को घटना के चार साल बाद सरकारी मुआवजा मिला है. सरकार ने 91 लोगों को कुल 51.53 लाख रूपया का मुआवजा दिया है. इसे लेकर गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आदेश जारी कर दी गई है. इस घटना में सैकड़ों लोग प्रभावित हुए थे. करोड़ों की संपत्ति बर्बाद हो गई थी. कई लोग घायल हुए थे. कथित रूप से एक युवक की मौत भी हो गई थी.
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इन 91 लोगों को मिला मुआवजा
अब्दुल रजाक, दुखहरण राम, मो. अबरार, जान खलीफा, सरफराज अंसारी, इरफान आलम, जियाउल हक, आफताब अंसारी, आकिब जावेद, मुस्तकीम अंसारी, प्रसुक कुमार, साबिर अंसारी, सलाउद्दीन, इस्लाम अंसारी, मोखतार अंसारी, मुजुर अंसारी, सुहैल अख्तर, इजराइल अंसारी, अयाल आलम, तबरेज अंसारी, कौशर अशरफ, जसीम अंसारी, राजेश प्रसाद, फ़िरदौस अंसारी, यूसुफ अंसारी, अमजद अंसारी, गुलाम सरवर, असलम, आलम अंसारी, अशर अंसारी, साहिद अंसारी, रुस्तम , सयुफ अंसारी, इकबाल अंसारी, साजीद अंसारी, गिरवर प्रसाद, दीपक कुमार, सामू प्रसाद, खालिक खान, इंजामामुल हक, इदरीश अंसारी, अजहरउद्दीन, फिरोज अंसारी, मोजाहिद तौक़ीर, साबिर अंसारी, मिनहाज, मेराज आलम, नेसार अंसारी, फैयाज आलम, बजरंग साहू, अताउल्लाह अंसारी, अफसर अंसारी, एकराम कुरैशी, मोहताब आलम, रामकेवल सोनी, सुनील कुमार, अजीत कुमार, अभिषेक पाठक, ज्ञानचंद बरई, गुलाम जिलानी, शहिद हक, इम्तियाज अंसारी, आफताब अंसारी, शहजाद आलम, अख्तर आलम, रफीक अंसारी, किशोर साहू, जीमल अख्तर, रतिया उरांव, राजीउल्लस अंसारी, तुलसी साहू, अहमद खान, मुंशी लाल साहू, मुमताज अंसारी, विनय कुमार साहू, रंजीत मुखर्जी, शशि कुमार, महफूज अंसारी, फिरोज आलम, सलाउद्दीन, संजित विश्वास, मुमताज खान, जुमन अंसारी, जमील अहमद, जाकिर अंसारी, सलीम अंसारी, महमूद अंसारी, कयूम अंसारी, मजीद अंसारी, शेख अताउल और अजीज अंसारी शामिल है.
शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान भड़की थी हिंसा
शहरी क्षेत्र के ललित नारायण स्टेडियम से लेकर शहर के मुख्य मार्ग में तिरंगा यात्रा निकाली गई थी. 23 जनवरी 2020 को नागरिक संशोधन कानून यानी सीसीए के समर्थन में विश्व हिंदू परिषद और दूसरे संगठनों द्वारा यह तिरंगा यात्रा निकाली गई थी. इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. तिरंगा यात्रा में शामिल लोगों पर पत्थरबाजी हुई थी. पुलिस प्रशासन के जवान, अधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी के साथ-साथ आम लोग भी घायल हुए थे. यह हिंसा इतनी भयावह थी कि हिंसक भीड़ ने तत्कालीन उपायुक्त आकांक्षा रंजन, तत्कालीन एसपी प्रियदर्शी आलोक सहित पुलिस बल के जवानों पर भी पत्थर चलाए थे. करोड़ों की संपत्ति फूंक दी गई थी. घटना में सैकड़ों लोग घायल हुए थे.
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