Jamtara : करमाटांड में इन दिनों नशे का खैफ तेजी से पांव पसार रहा है. साइबर अपराध के साथ यहां के युवा नशे की लत में डूबते जा रहे है. करमाटांड के नशे लेने वाले युवाओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. पिछले 8 महीनों से नशे की लत काफी तेजी से बढ़ी है. जिसे देखते हुए ग्रामीण एवं समाजसेवी काफी परेशान है.
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साइबर के साथ ड्रग्स का कारोबार तेजी से फैल रहा
बता दें कि जामताड़ा में साइबर के साथ ड्रग्स का कारोबार तेजी से फैल रहा है. हेरोइन, ब्राउन शुगर और गांजा जैसे कारोबार यहां फल-फूल रहा है. नशा युवाओं को अपनी गिरफ्त में लेते जा रहा है. नशीले पदार्थो के सौदागरों की लगातार गिरफ्तारी से इसकी पुष्टि हुई है, परंतु प्रशासन अनुसंधान की जड़ तक पहुंचने में फिसड्डी साबित हो रही है.वर्ष 2020 में करमाटांड़ पुलिस ने नवाडीह से शिवनाथ राय को गिरफ्तार किया था. शिवनाथ राय पर प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी चरस बेचने का आरोप है. पुलिस ने आरोपी के पास से नशीली पदार्थ बरामद किये थे. जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था.
स्थानीय लोगों की मदद से तस्करी की जा रही
बता दें कि ब्राउन शुगर की कीमत दूसरे नशीला पदार्थ से अधिक होती है. इसलिए तस्करों ने इसे बेचना शुरू कर दिया. पिछले छह महीने में करमाटांड़ में पांव फैलाता जा रहा है.नशे की लत लगे युवा नवनिर्मित भवन को अपना अड्डा बना रहे है. यहां युवा जहां नशा करते है. वहां काले धब्बे बन गये है. जली माचिस की तिल्ली बिखरी पड़ी हुई है.
ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय लोगों की मदद से तस्कर यहां नशीली पदार्थ पहुंचाते है. जिसे युवकों को नशे की आदत लग रही है. इसमें ज्यादातर ऐसे युवक शामिल है. जो साइबर अपराध में संलिप्त रहते है. ऐसे में नशे को रोकने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाना होगा.
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14 से 50 साल के बीच के लोग इस नशे में संलिप्त है
ग्रामीणों ने बताया कि तस्कर ग्राहक की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे दुकानों के आस-पास मंडराते रहते है. तस्कर ऐसे युवाओं की तलाश में रहते है जो साइबर के माध्यम से करोड़ो रुपये कमा रहे है. युवा को नशे की लत के लिए तस्कर पहले 100-200 रुपये में ब्राउन शुगर युक्त सिगरेट मुफ्त में पिलाते हैं. जब युवाओं को इसकी आदत लग जाती है तो उनसे मोटी रकम वसूलते है. लोगों ने बताया कि ब्राउन शुगर की जद में सबसे अधिक 14 से 50 वर्ष तक की आयु के लोग हैं. ज्यादातर युवा दोस्तों के माध्यम से नशे के संपर्क में आते है.
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इसमें संलिप्ता लोगों को चिन्हित करने का काम करेंगे
हेरोइन की खरीद और बिक्री के लिए कुण्डहित के रास्ते करमाटांड़ में बंगाल से आपूर्ति की जाती है. तस्करों का नेटवर्क बिहार की राजधानी पटना से लेकर, झारखंड, कोलकाता एवं दिल्ली तक है. करमाटांड में अलगचूआं भीठरा, नावाडीह हेरोइन का गढ़ बन रहा.नावाडीह गांव के शकूर अंसारी ने बताया कि क्षेत्र में इन दिनों चरस का चर्चा बहुत जोरों पर है प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी उन्मूलन पर जोर दे. पंचायत के मुखिया सज्जाद अंसारी उर्फ़ गुल मोहम्मद ने बताया कि इसमें संलिप्ता लोगों को चिन्हित करने का काम करेंगे. प्रशासन इस पर रोकथाम के लिए उपाय करें. हम क्षेत्रवासी सहयोग के लिए तत्पर हैं.
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