Jamshedpur : रेल मंत्रालय ने अपने क्षेत्र की निगरानी व उसकी सुरक्षा के लिए एक नए चौकीदार को उतारा है. उस चौकीदार का नाम है ड्रोन. जी हां, अब ड्रोन कैमरे से रेलवे स्टेशन, पुल, यार्ड, रेलवे जमीन आदि संपत्ति पर नजर रखी जाएगी. इसका मुख्य उद्देश्य यह रहेगा की रेल क्षेत्र में ड्रोन से लिए गए वीडियो, फोटो से रेलवे अपनी संपत्ति पर नजर रखेगी. ड्रोन उड़ाने के लिए आरपीएफ जवानों को ही ट्रेनिंग दी जा रही है.
टाटानगर और राउरकेला में हो चुका है ट्रायल, मंडल मुख्यालय से निर्देश के बाद नियमित निगरानी होगी शुरू
चक्रधरपुर रेल मंडल आरपीएफ ने भी इस नई योजना को धरातल पर उतारने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. पिछले दिनों रेल मंडल के टाटानगर, राउरकेला स्टेशनों में इसका ट्रॉयल भी किया गया है. आरपीएफ थाना प्रभारी उत्तम तिवारी ने बताया कि इस नई योजना का मुख्य उद्देश्य रेलवे संपत्ति पर नजर रखना है. चिह्नित रेलवे स्टेशन व क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी की जाएगी. उसके बाद यह आकलन किया जाएगा कि रेल क्षेत्र में क्या घट रहा है और क्या बढ़ रहा है. उसके अनुसार फिर आरपीएफ अपनी कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि टाटानगर में पिछले दिनों ट्रायल हो चुका है. अगले चरण से इसे मंडल मुख्यालय के दिशा निर्देश पर सुचारू रखा जाएगा.
भीड़ प्रबंधन ,स्क्रैप की पहचान के लिए भी प्रयोग होगा ड्रोन
आसमानी चौकसी के लिए रेल मंत्रालय ने सुरक्षा के लिहाज से भारतीय रेलवे के राहत व बचाव अभियान, ट्रैक निरीक्षण समेत विभिन्न मॉनीटरिंग के कामों के लिए ड्रोन कैमरों की तैनाती करनी शुरू कर दी है. रेलवे में नन इंटरलॉकिंग कार्य की तैयारी, भीड़ प्रबंधन, स्क्रैप की पहचान और स्टेशन यार्ड का हवाई सर्वेक्षण के लिए भी ड्रेन का इस्तेमाल किया जाएगा. भारतीय रेल के कोटा रेल मंडल में ड्रोन के सफल इस्तेमाल के बाद रेल मंत्रालय ने सभी जोनल रेलवे को ड्रोन से निगरानी के लिए पत्र लिखा था, जिसे धरातल पर उतारने की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है.
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