उदय व अस्त के हिसाब से दोनों दिन पूर्णिमा, शुभ मुहूर्त भद्रा निकलने के बाद
Dhanbad : रक्षा बंधन भाई-बहन स्नेह की डोर में बांधनेवाला त्योहार है. बहन भाई की कलाई पर राखी का धागा बांधती है और सलामती के लिए प्रार्थना करती है. यह त्योहार हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. रक्षा बंधन आमतौर पर यह त्योहार जुलाई और अगस्त के बीच मनाया जाता है.
परंतु पंडित मनोज कुमार पांडेय कहते हैं कि इस साल रक्षाबंधन 30 और 31 अगस्त दो दिन मनाया जाएगा. उनका कहना है कि हिंदू पंचांग के अनुसार सावन की पूर्णिमा 30 अगस्त को सुबह 10:58 बजे से अगले दिन 31 अगस्त को सुबह 7:05 बजे तक है. इस वर्ष भद्रा भी 30 अगस्त को सुबह 10:58 बजे से शुरू हो रहा है और उसी दिन रात 9:01 बजे समाप्त होगा. ऐसे में बहनें 30 अगस्त की रात 9:01 बजे से 31 अगस्त की सुबह 7:05 बजे तक राखी बांध सकती हैं.
भद्रा काल में राखी नहीं बांधना चाहिए
मनईटांड मंदिर के पुजारी संजीत पांडेय ने कहा कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार भद्रा को बहुत अशुभ माना जाता है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. इसलिए शुभ मुहूर्त में भाई को राखी बांधने की सलाह दी जाती है.
रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि: 30 अगस्त की सुबह 10:58 बजे से 31 अगस्त सुबह 7:05 बजे तक
भद्रा काल: 30 अगस्त की सुबह 10:58 बजे से रात के 9:01 बजे तक
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त: 30 अगस्त की रात 9:01 से 31 अगस्त की सुबह 7:05 बजे तक