Chakradharpur (Shambhu Kumar) : चक्रधरपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंचल कालोनी में बुधवार को उत्क्रमित उच्च विद्यालय एवं मध्य विद्यालयों के प्रभारी एवं प्रधान शिक्षकों की दो दिवसीय मासिक गोष्ठी हुई. गोष्ठी दो पालियों में ली गई. गोष्ठी में चक्रधरपुर के प्रभारी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी तपन कुमार सतपति ने विद्यालयों में संचालित योजनाओं की स्थिति की समीक्षा की. विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने को कहा गया.
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वहीं यू डायस में बच्चों की हाइट, वेट एवं ब्लड ग्रुप की जानकारी शीघ्र अपलोड करने का निर्देश दिया गया. बताया गया कि अब तक केवल 40 फीसद बच्चों का ही यू डायस में इन जानकारी की प्रविष्टि की जा सकी है. विद्यालयों में अनिवार्य पंजी का संधारण करने, प्रयास कार्यक्रम में अधिक से अधिक बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा गया. गोष्ठी में बताया गया कि कल्याण विभाग के मद से साइकिल के लिए आवंटित राशि 18 बच्चों का दो बार चला गया है.
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संबंधित विद्यालयों को यह राशि एक सप्ताह के अंदर वापस करने को कहा गया. गुरुवार को चक्रधरपुर के सभी प्रकार के प्राथमिक विद्यालयों की गोष्ठी होगी. पहले दिन की गोष्ठी में प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी पवन कुमार सिंह बलराज कपूर के अलावा प्रखंड साधन सेवी, विभिन्न संकुलों के संकुल साधन सेवी एवं विभिन्न विद्यालयों के प्रधान तथा प्रभारी शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे.
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चाईबासा : सांसद गीता की मां के मृत्यु पर अभियान ने जताया शोक
Chaibasa (Sukesh kumar) : सिंहभूम संसदीय क्षेत्र की सांसद गीता कोड़ा की मां के मृत्यु के सूचना पर झारखंड पुनरूत्थान अभियान की ओर से चाईबासा में शोकसभा का आयोजन किया गया. शोक सभा में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा के शांति की कामना की गई.
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मालूम हो कि गीता कोड़ा के मां की आज मौटाबासा में आदिवासी हो समाज के दस्तूर के आधार पर शवदाह किया गया. शोकसभा में झारखंड पुनरूत्थान अभियान के सन्नी सिंकु, अमृत मांझी, नारायण पूर्ति, शैली शैलेंद्र सिंकु, बसंत तांती, संजय बिरुली, समीर देवगम, उपेंद्र सिंकु, अर्जुन ताम सोय, अरिल सिंकु ,चैतन्य मुंडा शामिल थे.
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चाईबासा : 2024 लोकसभा चुनाव में साझा ज़मीनी संघर्ष की अपील की
- लोकतंत्र बचाओ अभियान का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला
Chaibasa (Sukesh kumar) : लोकतंत्र बचाओ 2024 अभियान का प्रतिनिधिमंडल राज्य के मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन से मिलकर बुधवार को लोकसभा चुनाव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा किया एवं लोकतंत्र को बचाने के लिए साझा ज़मीनी संघर्ष के लिए अपील किया. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को अभियान के विषय में कहा कि अभियान अंतर्गत राज्य के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में 2024 लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष में लगभग एक साल से जन जागरण कार्यक्रमों जैसे जन सभा, कार्यशाला, यात्राओं व वॉलंटियर प्रशिक्षणों आदि का आयोजन किया जा रहा है. लोगों को संगठित किया जा रहा है.
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प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि कि मोदी सरकार, आरएसएस व भाजपा समाज, झारखंड, देश, लोकतंत्र, संविधान और मेहनतकश वर्ग के लिए सबसे बड़े खतरे हैं. 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को हटाने के लिए लोकतंत्र पसंद लोगों, संगठनों और इंडिया पार्टियों को मिलकर जन मुद्दों पर साझा ज़मीनी संघर्ष करने की ज़रूरत है. जल्द-से-जल्द सीट वार गठबंधन तय कर साझा जन संपर्क अभियान शुरू करने की मांग भी की गयी. अन्य इंडिया दलों से भी यह मांग किया गया है. यह भी ज़रूरी है कि स्थानीय सामाजिक परिप्रेक्ष और जन अधिकारों के लिए लड़ने वाले स्थानीय प्रत्याशी हो.
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साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में जीत के लिए यह भी ज़रूरी है कि कुछ ख़ास मुद्दों पर राज्य सरकार जल्द-से-जल्द जन अपेक्षा अनुरूप निर्णय लें. प्रतिनिधिमंडल ने इसके लिए निम्न मुद्दों का सुझाव दिया. पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा राज्य के 22 लाख हेक्टेयर गैर-मजरुआ व सामुदायिक ज़मीन को लैंड बैंक में डाल दिया गया था. लैंड बैंक को तुरंत रद्द किया जाए. जल्द-से-जल्द वन अधिकार कानून अंतर्गत सामुदायिक पट्टों का वितरण किया जाए. पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में आदिवासियों के स्वसाशन के अधिकारों को पेसा के संगत पुर्णत लागू किया जाय. फर्जी मामलों में फंसे आदिवासी-मूलवासियों के मामलों को बंद करने के लिए उच्च स्तरीय न्यायिक जांच का गठन हो.
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दलित समुदाय के लिए जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए आवेदकों को तुरंत जाति प्रमाण पत्र दिया जाए. साथ ही, भूमिहीन परिवारों, खास कर दलितों, को पर्याप्त भूमि पट्टा का आवंटन हो. चुनाव से पहले नफरती व सांप्रदायिक भाषण व गतिविधियों का इस्तेमाल कर साम्प्रदायिकता फ़ैलाने और चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश बढ़ सकती है. इसलिए प्रशासन को स्पष्ट निदेश दिया जाए कि नफरती व सांप्रदायिक भाषण व गतिविधियों के विरुद्ध न्यायसंगत कार्यवाई की जाए. किसी भी धर्म के धार्मिक अनुष्ठान/पर्व/त्योहार/कार्यक्रम में सार्वजनिक स्थलों, रोड, बिजली पोल, सरकारी दफ्तरों, थाना, पुलिस व अर्धसैनिक बल कैंप आदि में लगाये गए धार्मिक झंडों व प्रतीकों को अनुष्ठान/पर्व/त्योहार/कार्यक्रम खत्म होने के 48 घंटों के अन्दर हटाया जाना सुनिश्चित किया जाए.
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भाजपा व आरएसएस संगठनो द्वारा झारखंडी समाज को ईसाई-सरना, आदिवासी-कुड़मी आदि मुद्दों पर बांटने की कोशिश की जा रही है. इसके विरुद्ध झारखंडी एकता जन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए. राज्य के दलित और अतिपिछड़े सामाजिक समूहों की संतुलित राजनीतिक-प्रशासनिक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उनके साथ संवाद कर विशेष प्रयास किया जाए. राज्य के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में काम का सार्वजनिक अधिकार सुनिश्चित करने की ज़रूरत है. अभियान प्रतिनिधिमंडल में अलोका कुजूर, अफज़ल अनीस, दिनेश मुर्मू, एलिना होरो, ज्योति कुजूर, जयसिंह बोदरा, सिराज दत्ता व टॉम कावला शामिल थे.
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