- अनुमंडल क्षेत्र में उत्साह का माहौल, जगह-जगह होती है बासंती पूजा का आयोजन
Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में चैत्र नवरात्र पर मनाए जाने वाले बासंती दुर्गा पूजा को लेकर व्यापक तैयारी की गई है. पूजा आयोजन समिति की ओर से मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया-संवारा गया है. मंदिरों का रंग-रोगन कर उसे सुंदर और आकर्षक रूप दिया गया है. चैत्र नवरात्र पर अनुमंडल क्षेत्र के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत आदरडीह में देवी की नौ रूपों की प्रतिमा स्थापित की गई है. यहां नवरात्र के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी. इसके अलावा नीमडीह प्रखंड के जांता व चालियामा में भी बासंती दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है.
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वहीं ईचागढ़ प्रखंड के ईचागढ़ व सोड़ो में और चांडिल प्रखंड के चौका, खूंटी, डोबो, कोकेबेडा समेत अन्य कई स्थानों में हर्षोल्लाय के साथ बासंती दुर्गोत्सव का आयोजन गया है. आदरडीह को छोड़कर बाकि स्थानों में चैत्र नवरात्रि के छठे दिन महाषष्ठी से देवी की पूजा-अर्चना शुरू होगी. इस अवसर पर कई स्थानों में धार्मिक अनुष्ठान के अलावा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. चैत्र नवरात्रि का पहला दिन हिंदू नववर्ष का आगमन माना जाता है.
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मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की विधि-विधान से होगी पूजा
इस वर्ष चैत्र नवरात्र नौ से 17 अप्रैल तक मनाया जाएगा. नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्र के पहले दिन नौ अप्रैल को देवी के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. वहीं दूसरे दिन 10 अप्रैल को मां ब्रह्मचारिणी, 11 अप्रैल को मां चंद्रघंटा, 12 अप्रैल को मां कुष्मांडा, 13 अप्रैल को मां स्कंदमाता, 14 अप्रैल को मां कात्यानी, 15 अप्रैल को मां कालरात्रि, 16 अप्रैल को मां महागौरी और 17 अप्रैल को मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाएगी.
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चैत्र नवरात्रि को लेकर अनुमंडल क्षेत्र में उल्लास का माहौल है. लोगों में इसकी लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. स्थानीय लोगों का मानना है कि बासंती पूजा ही असल में दुर्गा पूजा है. भगवान श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई करने से पहले मां दुर्गा की इसी रूप में पूजा की थी. इसलिए इसका चलन आदिकाल से है. अनुमंडल क्षेत्र में चैत्र नवरात्र को लेकर क्षेत्र में भक्तिमय व उत्साह का माहौल बना है.