Dumka : पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास व भाजपा नेता रघुवर दास ने कहा है कि झामुमो परिवारवाद और भ्रष्टाचार वाली पार्टी है. 2019 में झामुमो ने सरकार बनने के तीन महीने के भीतर 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति और पिछड़ा आरक्षण लागू करने का वादा किया था. लेकिन 3 साल तक उसने कुछ नहीं किया. आज सीएम और उनके सहयोगियों के कारनामों के कारण ईडी जब उनके द्वार पहुंची है, तो उन्हें स्थानीय नीति और आरक्षण की याद आ रही है. यह सरकार बिचौलियों, सिंडिकेट और माफियाओं के इशारे पर चल रही है. हेमंत सरकार के आने के बाद राज्य में खनिज संपदा की जमकर लूट हुई है. इसके साथ ही झारखंड की बहन-बेटियों की अस्मत लूटी जा रही है. रघुवर दास ने शनिवार को दुमका सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यह बातें कही. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि राज्य का आदिवासी अब बोका नहीं है. मैं यह पूछना चाहता हूं कि क्या वह यह कहना चाह रहे हैं कि पहले आदिवासी बोका था.
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हेमंत आदिवासी को नागरिक नहीं, सिर्फ वोट बैंक मानते हैं
रघुवर दास ने कहा कि राज्य में स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण पर फैसला लेने का अधिकार संविधान की सातवीं अनुसूची में है, लेकिन सरकार की मंशा साफ नहीं है. इसलिए दोनों मुद्दों को लेकर ढोंग किया गया है. जब 2016 में उनकी सरकार ने स्थानीय और नियोजन नीति परिभाषित की थी, तब इसे केंद्र सरकार के पास नहीं भेजा गया था. बल्कि राज्य सरकार ने अपने स्तर पर ही इसे बनाया और लागू किया था. इसके बनने के बाद एक लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां दी गयीं. इसमें 32000 शिक्षक, 8000 सिपाही, 2200 दरोगा, वनरक्षी व अन्य पदों पर नियुक्ति की गई. इसमें 95% से अधिक मूलवासियों को सरकारी नौकरियां मिलीं. जबकि हेमंत सोरेन की नीयत सिर्फ इन मुद्दों पर राजनीति करने की है, इसे लागू करने की नहीं है. वो आदिवासी को नागरिक नहीं समझते हैं, बल्कि केवल वोट बैंक मानते हैं.
हेमंत सरकार में प्रेस का भी गला दबाया जा रहा है
रघुवर ने कहा कि सरकार के भ्रष्टाचार और अनैतिक कार्यों को उजागर करने की सजा न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं को मिल रही है, बल्कि प्रेस का गला भी दबाया जा रहा. दुमका में ही 6 पत्रकारों पर केस किया जा चुका है. चार और पर केस करने की तैयारी चल रही है. वहीं संथाल परगना में दर्जनों पत्रकारों पर पुलिस ने जुल्म किया.
धर्म परिवर्तन कर जमीन जिहाद किया जा रहा
रघुवर ने कहा कि आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने वाली हेमंत सरकार में सबसे ज्यादा प्रभावित आदिवासी बच्चे-बच्चियां हुए हैं. बड़ी संख्या में आदिवासी बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं. लव जिहाद के माध्यम से लड़कियों का धर्म परिवर्तन कर जमीन जिहाद किया जा रहा है. सरकार की विशेष शाखा ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट दी है, लेकिन हेमंत सरकार वोट बैंक की राजनीति के कारण उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. यह झारखंड के लिए शुभ संकेत नहीं है.
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