Amit Singh
Ranchi: राजधानी रांची नगर निगम क्षेत्र में रोज पांच लाख लोगों के हिस्से का पानी चोरी हो जाता है। यह पानी की चोरी राइजिंग पाईप लाइन के साथ सप्लाई पाइप लाइन में पंचर कर खुलेआम होती है। इसकी वजह से शहर के कई क्षेत्रों में वाटर कनेक्शन लेने वाले सैकडों घरों तक पीने का पानी नहीं पहुंचता है। पानी की चोरी के कारण हजारो लोगों को पानी के लिए रोजाना परेशानी झेलनी पड़ रही है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता प्रमुख श्वेताभ कुमार का कहना है कि पानी चोरी की वजह से ही शहर के बडे और प्रमुख इलाकों में सालो भर जलसंकट की स्थिति बनी रहती है। पेयजल विभाग वाटर सप्लाई मैनटेनेंस वर्क का काम देखता है। वाटर कनेक्शन, सप्लाई और वाटर टैक्स लेने का काम नगर निगम देखता है। पानी चोरी रोकने के लिए नगर निगम को कहा गया है।
वार्ड संख्या 55 में 50 हजार से अधिक वाटर कनेक्शन
नगर निगम क्षेत्र के 55 वार्ड में 50 हजार से अधिक वाटर कनेक्शन हैं। लेकिन निगम की सूची में करीब 40 हजार वैध वाटर कनेक्शन हैं। जबकि पानी की खपत दोगुनी है। यानी अधिक पानी की खपत अवैध कनेक्शन के कारण हो रही है। अगर नगर निगम अवैध कनेक्शन पर रोक लगे, तो शहर में जल संकट की परेशानी दूर हो सकती है।
अवैध कनेक्शन लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई मुश्किल
नगर निगम के अफसरों का कहना है कि स्टाफ की समस्या से अवैध कनेक्शन लेने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करने में परेशानी आती है। निगम प्रशासन ने अवैध वाटर कनेक्शन की जांच के लिए स्पेशल टीम बनाया है। टीम को हर दस दिन पर छापामारी करना है, घर के अंदर जाकर सप्लाई वाटर पाइपलाइन कागज़ात की जांच करनी है। कागज़ात नहीं दिखाने पर वाटर कनेक्शन काटने के साथ जुर्माना और प्राथमिकी दर्ज करना है, मगर ऐसा अभी नही हो पा रहा है।
ऐसे हो रही है शहर में पानी की चोरी
रुक्का डैम से जलापूर्ति के लिए 60 लाख गैलन पानी चर्च रोड, कांटाटोली, सिरमटोली, डोरंडा एवं अशोक नगर के लिए आपूर्ति होती है। जबकि इन क्षेत्रों के लिए महज 20 लाख गैलन पानी ही पर्याप्त है। 40 लाख गैलन से ज्यादा पानी की आपूर्ति होने के बाद भी उक्त क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंच पाता है। डोरंडा संप हाउस में पूरा पानी नही पहुंचता है। इसी प्रकार हटिया से रोजाना 9 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है, मगर 6 एमजीडी पानी लोगों तक पहुंचता है, 3 एमजीडी पानी रात में ही चोरी हो जाता है।
एक व्यक्ति को रोज होती है 135 लीटर पानी की जरूरत
शहर की आबादी करीब 12 लाख है। निर्धारित पैमाने के अनुसार प्रतिदिन एक व्यक्ति को बेहतर जीवन यापन के लिए 135 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इस हिसाब से 12 लाख व्यक्ति को प्रतिदिन 16 करोड़ 20 लाख लीटर पानी मिलना चाहिए, लेकिन यहां जरूरत से 04 करोड़ 23 लाख लीटर ज्यादा पानी की आपूर्ति होन के बाद भी शहर के कई इलाकों में वाटर सप्लाई नहीं होता है।
शहर में किस फिल्टर प्लांट से कितनी आपूर्ति
राजधानी में स्वर्णरेखा शीर्ष प्रमंडल रुक्का, गोंदा प्रमंडल कांके और जलवितरण प्रमंडल हटिया से रोजाना पीने के पानी की आपूर्ति होती है। रूक्का से प्रतिदिन 32 एमजीडी यानि 14,52,80,000 लीटर, कांके से प्रतिदिन 04 एमजीडी यानि 01,81,60,000 लीटर हटिया से प्रतिदिन नौ एमजीडी 04,08,60,000 लीटर की आपूर्ति की जाती है। यानि शहर में रोजाना 20 करोड़ 43 लाख लीटर पानी की आपूर्ति विभाग करता है। (नोट : एमजीडी यानी मिलियन गैलन, एक एमजीडी में 10 लाख गैलन पानी, एक गैलन में 4.54 लीटर पानी।)
रात में लेते हैं अवैध कनेक्शन
ज्यादतर अवैध कनेक्शन रात में प्लंबर लगाकर लिये जाते हैं। दूसरे दिन सुबह तक किसी को पता ही नहीं चलता और कनेक्शन हो जाता है। इस काम में निगम और निजी प्लंबर भी शामिल रहते हैं।राजधानी में राइजिंग पाइप, यानि 14 इंच, 18 इंच 24 इंच व्यास वाले डक्टाइल आयरन (डीआई) पाइप में अवैध तरीके से हजारों कनेक्शन लिये गये हैं। जिससे पाइप की सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है। पेयजल विभाग के इंजीनियरों का कहना है कि राइजिंग लाइन के जरिए बिना किसी अतिरिक्त मशीन के तक पहुंचता है। इसी से प्रेशर का अंदाजा लगाया जा सकता है। पाइप फटे नहीं, इसलिए राइजिंग लाइन में ड्रिल करने की इजाजत किसी को नहीं है।
लोग वैध कनेक्शन लें तो नहीं होगा जल संकट- डिप्टी मेयर
नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय का कहना है कि निगम में बहुत आसानी से वाटर कनेक्शन मिलता है। चोरी कर पानी लेना गलत है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी होते रहती है। चोरी के वजाए लोग वैध कनेक्शन लें, जिससे पानी की चोरी रूकेगी। जल संकट की स्थिति उत्पन्न नही होगी।