LagataDesk : अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर अडानी एंटरप्राइजेज के फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) पर पड़ रहा है. बीएसई पर उपलब्ध सूचना के अनुसार, 20,000 करोड़ के इस एफपीओ को पहले दिन यानी 27 जनवरी को केवल एक फीसदी सब्सक्रिप्शन मिला. पहले दिन 4.55 करोड़ शेयर के बदले केवल 4.7 लाख शेयरों के लिए ही बोली आयी. पहले दिन निवेशकों का कड़ा रुख देखकर लग रहा है कि यह देश का सबसे फ्लॉप एफपीओ हो सकता है. कंपनी का एफपीओ 31 जनवरी को बंद होगा. (पढ़ें, सम्राट गिरोह का सरगना जयनाथ साहू रांची सिविल कोर्ट से बरी, जानें पूरा मामला)
खुदरा निवेशकों ने चार लाख शेयरों के लिये किये आवेदन
अडानी एंटरप्राइजेज ने एफपीओ का बेस प्राइस 3,112 रुपये प्रति इक्विटी शेयर तय किया है. जबकि इश्यू का प्राइस बैंड 3112-3276 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. हालांकि शुक्रवार को इसके शेयर बीएसई पर 2,762.15 रुपये के भाव पर बंद हुआ. जानकारी के अनुसार, खुदरा निवेशकों ने चार लाख शेयरों के लिये आवेदन किये. हालांकि खुदरा निवेशकों के लिए 2.29 करोड़ शेयर आरक्षित हैं. वहीं पात्र संस्थागत खरीदारों की कैटेगिरी में 1.28 करोड़ शेयर के मुकाबले केवल 2,656 शेयर के लिये बोली आयी. गैर-संस्थागत निवेशकों ने 60,456 शेयर के लिये बोली लगायी. जबकि कंपनी ने 96.16 लाख शेयर की पेशकश की है. इसके पहले अडानी इंटरप्राइजेज ने एंकर निवेशकों से 5,985 करोड़ जुटाये हैं.
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हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की वजह से अडानी ग्रुप की बढ़ी मुसीबत

हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह पर खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. यह रिपोर्ट आने के बाद विविध कारोबार से जुड़े अडानी ग्रुप की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आयी है. अडानी ग्रुप ने कहा है कि हिंडनबर्ग ने अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को नुकसान पहुंचाने के लिए यह काम किया है. अडानी ग्रुप ने हिंडेनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है. अडानी ग्रुप के स्पष्टीकरण के बाद 26 जनवरी को हिंडेनबर्ग की तरफ से एक बयान जारी किया गया. जिसमें कहा गया कि अगर अडाणी ग्रुप मुकदमा करता है, तो इसके लिए वह तैयार है. बयान में यह भी कहा गया है कि हिंडनबर्ग अपनी रिपोर्ट पर कायम है. दो वर्षों तक रिसर्च करने के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है.
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