Ranchi : झारखंड के अलग-अलग जिलों में आतंक का पर्याय रहे सम्राट गिरोह के सरगना जयनाथ साहू को रांची सिविल कोर्ट ने एक आपराधिक मामले में बरी कर दिया है. यह मामला लापुंग थाना क्षेत्र के फतेहपुर बाजार में हुए गोलीकांड का है. इस मामले में जयनाथ साहू को रांची सिविल कोर्ट के AJC 18 पीके शर्मा की अदालत ने बरी कर दिया है. वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रीतांशु कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि फतेहपुर बाजार में इजराइल खान नाम के व्यक्ति को जान से माने की नीयत से गोली चलाई थी. जिसमें इजराइल खान को गोली लगी थी और वो गंभीर रूप से घायल हो गया था. इसी क्रम में ग्रामीण ने एक हमलावर को पकड़ भी लिया था और ग्रामीणों की पिटाई से उसकी मौत भी हो गई थी. यह पूरा मामला 2003 से जुड़ा हुआ है. कांड संख्या st 384/2005 में शनिवार को सुनवाई हुई है. अभियोजन पक्ष को ओर से कुछ चार गवाह पेश किए गए थे. अभी गवाहों को सुनने के बाद कोर्ट ने जयनाथ साहू को बरी कर दिया है.
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खूंटी, सिमडेगा व गुमला में सम्राट गिरोह का खौफ था
बता दें कि कभी रांची और आसपास के जिलों खूंटी, सिमडेगा व गुमला में सम्राट गिरोह की तूती बोलती थी. गिरोह के सरगना जयनाथ साहू का नाम सुनते ही ठेकेदारों, क्षेत्र के व्यवसायियों में हड़कंप मच जाता था. हत्या, रंगदारी, मारपीट, आगजनी के दर्जनों मामलों में सम्राट गिरोह का नाम सामने आता था. अब यह गिरोह पिछले एक दशक से निष्क्रिय पड़ा हुआ है. अलग राज्य बनने के बाद ही दिनेश गोप के झारखंड लिबरेशन टाइगर (जेएलटी) के जवाब में जयनाथ साहू ने सम्राट गिरोह के नाम से अपना आपराधिक गिरोह खड़ा किया था. जेएलटी ही बाद में चलकर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) बना था. तब उक्त क्षेत्र में सम्राट गिरोह व जेएलटी में अक्सर खूनी संघर्ष होता था. दोनों आपराधिक गिरोह जाति आधारित थी. धीरे-धीरे दिनेश गोप का वर्चस्व कायम होने लगा. बाद में उसने उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ को मजबूत कर लिया. पीएलएफआइ के मजबूत होते ही सम्राट गिरोह कमजोर पड़ गया. करीब एक दशक से यह गिरोह निष्क्रिय है. हालांकि पीएलएफआइ के भी कई बड़े कैडर या तो पकड़े जा चुके हैं या मारे गए हैं. अब दिनेश गोप सहित गिने-चुने ही बड़े उग्रवादी पीएलएफआइ में सक्रिय हैं, जिनकी खोज पुलिस को है.
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