- पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में राजनीतिक लाभ के लिए लाया गया बजटः जेएमएम
- निराश,गुमराह और आम जनता को तबाह करने वाला बजटः कांग्रेस
- आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाने वाला बजट – बाबूलाल मरांडी
- निर्मला सीतारमण ने पेश किया आजतक का सर्वश्रेष्ठ बजटः अर्जुन मुंडा
- बजट नया भारत,आत्मनिर्भर भारत की नींव तैयार करने में सहायक होगा: रघुवर दास
- सरकार ने पेश की है संतुलित बजटः सरयू राय
- बजट नहीं अपनों के लिए सेल लगाया है मोदी सरकार नेः दीपिका पांडे सिंह
- आम बजट आम-अवाम का नहीं, खास तबका के लिए: भाकपा
Ranchi: बीजेपी सरकार की तरफ से वित्त वर्ष 2021-22 का बजट संसद में पेश कर दिया गया है. बजट को लेकर झारकंड की तमाम पार्टियों की तरफ से राजनीतिक प्रतिक्रिया आ रही है. जानिए किसने क्या कहा.
पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में राजनीतिक लाभ के लिए लाया गया बजटः जेएमएम
भारत सरकार ने देश के समक्ष वित्त वर्ष 2021-22 पूरे देश के 135 करोड़ जनता के अरमानों पर पानी फेर दिया. पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में राजनैतिक लाभ लेने के लिए बजट पेश किया गया. जो न केवल निंदनीय है बल्कि भाजपा के संकीर्ण राजनीति दर्शाता है. पश्चिम बंगाल,असाम,तमिलनाडू,केरल एवं पुदुचेरी राज्यों के विधान सभा वोट के लिए उन राज्यों में राजमार्ग एवं सड़क जो कि लोगों के टोल के पैसों से वसूला जाएगा की घोषणा कर वित्त मंत्री ने अपनी असीम योग्यता का परिचय दिया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के अपनी निष्ठा व्यक्त करते हुए सरकार का यह निश्चय प्रदर्शित किया है.
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पहले नौजवानों का रोजगार और जमीन छिना,किसानों की किसानी एवं जमीन छिनी,अब पूरे समाज का ही कपड़ा छिनने के लिए कपास पर 10 प्रतिशत का टैक्स थोप दिया. जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी जैसी प्रतिष्ठित संस्था जीवन बीमा को कॉरपोरेट के हाथों में सौंपने की पूरी तैयारी कर ली गयी है. कॉरपोरेट टैक्स में लगातार की जा रही कटौती देश के चुनिंदा पूंजीपति वर्ग को और ज्यादा मजबूत करने के लिए की जा रही है. आज का आम बजट संघीय ढांचा विरोधी,राज्य विरोधी,जन विरोधी,किसान-मजदूर विरोधी,महिला और शिक्षा विरोधी एवं पूंजीपति हितैषी बजट है. हम इस आम बजट का निंदा करते हैं.
निराश,गुमराह और आम जनता को तबाह करने वाला बजटः कांग्रेस
झारखंड कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को गुमराह करने वाला, निराश करने वाला और देश की जनता को तबाह करने वाला बजट बताया है. रांची स्थित कांग्रेस भवन में बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा है कि बजट में उन राज्यों को तरजीह दी गयी है जहां आने वाले दिनों में चुनाव होने हैं. जबकि झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बजट से पहले कई पत्र लिखकर वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री से झारखंड को बजट में तरजीह देने की गुहार लगाई थी. आलोक दुबे ने कहा कि मनरेगा से देश को बड़ा फायदा मिला लेकिन वित्त मंत्री ने बजट में मनरेगा के लिए कोई घोषणा नहीं कि. वहीं मध्यमवर्गीय परिवार,निम्नवर्गीय परिवार और टैक्सपेयर्स भी काफी उम्मीद से इस बजट का इंतजार कर रहे थे. लेकिन केंद्र सरकार के इस बजट ने सभी वर्गों को निराश किया है. कहा पिछले कुछ वर्षों में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस कीमतों में वृद्धि हुई है.
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आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाने वाला बजट – बाबूलाल मरांडी
बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आम बजट के लिए धन्यवाद दिया है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कोरोना काल के बाद आया ये बजट आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढ़ने वाला बजट है. साथ ही इस बजट से गांव, मजदूर और किसानों के हित की बातें हैं. बजट में सारे सेक्टर पर ध्यान दिया गया है. निजीकरण से भी देश को लाभ होगा और रोजगार का सृजन होगा.
आजतक का सर्वश्रेष्ठ बजटः अर्जुन मुंडा
जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने देश के पहले डिजिटल बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी है. मुंडा ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट अबतक का सर्वश्रेष्ठ बजट है,जिसमें कि सभी क्षेत्रों के गुणात्मक विकास को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है.
यह बजट ऐसी परिस्थितियों में तैयार किया गया है,जो पूर्व में कभी नहीं थी. 2020 में हमने कोविड-19 के साथ क्या-क्या सहन किया उसका कोई उदाहरण नहीं है. बजट में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों की प्राप्ति के साथ-साथ गांवों तक सबको बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए भी कारगर प्रयास किये गये हैं.
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बजट नया भारत,आत्मनिर्भर भारत की नींव तैयार करने में सहायक होगा: रघुवर
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर भारत की नींव तैयार करने में सहायक सिद्ध होगा. बजट नया भारत और आत्मनिर्भर भारत को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. कोरोना महामारी के बीच प्रस्तुत किया गया 2021-22 का यह बजट लोकल फॉर वोकल के मंत्र पर चलने वाला तथा 130 करोड़ भारतीय के हित में है. उन्होंने कहा कि इस बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र को सर्वाधिक महत्व दिया गया है. इस मद में 2.23 लाख करोड़ की व्यवस्था की गयी है. हर घर जल योजना में 2.87 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह बजट में आधारभूत संरचना को मजबूत तो करेगा तथा नियोजन में भी वृद्धि करेगा. इसमें भारतमाला योजना के माध्यम से सड़कों का जाल बिछाने के अलावा किसानों के लिए स्पेशल पैकेज की भी घोषणा की गयी है.
सरकार ने पेश की है संतुलित बजटः सरयू राय
विधायक सरयू राय ने भारत सरकार का वर्ष 2020-21 का वार्षिक बजट कठिन परिस्थिति में तैयार किया गया एक संतुलित बजट है. जिसमें अर्थव्यवस्था के विकास का लाभ मध्यम वर्ग एवं ग्रामीण क्षेत्र को पहुंचाने की कोशिश की गई है. बजट घाटे का ज़रूर हैं मगर वर्ष के अंत तक बजट घाटा की भरपाई कर लेने की उम्मीद भी दर्शाई गई है. अधोसंरचना क्षेत्र में भारी सरकारी निवेश से अर्थव्यवस्था गतिशील होगी. ग्रामीण क्षेत्र में समृद्धि आयेगी. सरकार ने समृद्ध वर्ग पर कोई नया टैक्स नहीं लगाकर उन्हें आशंका मुक्त किया है.
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केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत बढ़ाने का लाभ राज्यों को मिलेगा. कुल मिलाकर यह एक संतोषजनक बजट है. वर्तमान परिस्थिति में यह एक संतुलित एवं अग्रगामी बजट है जिससे अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की उम्मीद की जा सकती है.
आपदा के दौर में उपलब्धियों की यात्रा शुरू करनेवाला बजट: महेश पोद्दार
राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट को आपदा के दौर में उपलब्धियों की यात्रा शुरू करनेवाला बजट बताया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण आयी मंदी से उबरने के लिए दीर्घकालीन निवेश के बड़े निर्णय लिए गए हैं. इसमें जहां एक तरफ फंड जुटाने के लिए लाखों करोड़ के देशी-विदेशी निवेश को आकर्षित करने वाली योजनाएं हैं. वहीं देश के निजी क्षेत्र की भागीदारी को काफी महत्व दिया गया है.
पोद्दार ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर और परिवहन सेवाओं में सुधार अर्थव्यवस्था को गति देने और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन में सक्षम है. बजट में इन सभी क्षेत्रों को पर्याप्त महत्व और प्राथमिकता दी गयी है. बिजली के क्षेत्र में उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाओं के चयन का विकल्प दिया गया है तो बिजली कंपनियों को भी सुधार की शर्तों के साथ पुनर्वास का पैकेज दिया गया है. पोर्ट, रेलवे, मेट्रो, सड़क आदि के विकास पर ध्यान दिया गया है. देश में 100 से अधिक नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे. जिनमें निजी संस्थानों और संगठनों को भी भागीदार बनाया जाएगा. पहले से ही लक्ष्य से आगे चल रही उज्ज्वला योजना से एक करोड़ परिवार और जोड़े जाएंगा. 100 नए शहर गैस वितरण से जोड़े जाएंगे.
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बजट नहीं अपनों के लिए सेल लगाया है मोदी सरकार नेः दीपिका पांडे सिंह
मोदी सरकार ने सेल लगाया है. पहले अपना जमीर बेचा और अब सरकार ने एयरपोर्ट, सड़क, बिजली ट्रांसमिशन लाइन और वेयरहाउस बेच रही है. वित्त मंत्री ने बजट पेश कर दिया है. चुनिंदा कारोबारों को छोड़ किसी को किसी तरह की कोई रियायत नहीं दी है है. करदाता पहले भी कर्ज तले दबकर मर रहा था अब भी मरेगा.
दीपिका ने आगे कहा कि केंद्र ने किसानों को तो पहले ही सड़क पर ला दिया गया है. हां जहां चुनाव है वहां दंगा-नफरत और हिंसा से बात नहीं बनी तो सड़कें बनाने का जुमला चस्पा कर दिया है. तो आम लोग घर बैठे और बस यही नारा लगाएं बहुत हुआ झूठ फरेब और अत्याचार बस अब नहीं चाहिए मोदी सरकार.
आम बजट आम-अवाम का नहीं, खास तबका के लिए: भाकपा
बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाकपा राष्ट्रीय परिषद सदस्य के.डी. सिंह,कार्यालय सचिव सह राज्य कार्यकारिणी सदस्य अजय कुमार सिंह और राज्य परिषद सदस्य उमेश नजीर ने संयुक्त रूप से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि बजट में केरल, तमिलनाडु और प. बंगाल का विशेष रूप से नाम लिया गया है. सैकड़ों किलोमीटर राजमार्ग बनाने की बात कह कर वहां की जनता को लुभाने का प्रयास किया है जहां हाल में चुनाव होने वाले हैं.
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राजमार्ग को बनाने की जिम्मेवारी चहेते निजी घराने को सौंपने का प्रस्ताव देकर सरकार ने कारपोरेट हितैषी होने का प्रमाण दिया है. इस बजट में झारखंड की उपेक्षा गयी है,जबकि यह राज्य सबसे अधिक टैक्स और खनिज-संपदा देता है. इस राज्य के रॉयल्टी और जीएसटी पैसा भी सरकार समय पर रिलीज नहीं कर रही है. कहा कि मजदूर-किसान,छात्र-नौजवानों, महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं. श्रमिकों के लिए सिर्फ न्यूनतम वेतन निधारण की बात कही गयी है,लेकिन उसमें भी कोई स्पष्टता नहीं है. महंगाई चरम पर जिससे जनता त्रस्त है. रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उक्त बजट में कोई चर्चा नहीं है.
भाकपा का आरोप है कि यह बजट देश के सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने की अभिव्यक्ति दे रही है. एलआईसी और जीआईसी 74 प्रतिशत हिस्सा निजी कंपनियों को दिया जा रहा है.
बजट पर इन्होंने भी दी प्रतिक्रिया
सामाजिक, आर्थिक एवं संसदीय अध्ययन केन्द्र के सचिव अयोध्या नाथ मिश्र एवं अध्यक्ष ओपी लाल ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि बजट सभी हित पक्षों की समेकित समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा. यथा अपेक्षित कृषि, वाणिज्य, रोजगार ,संरचना, उद्योग सबसे बढ़कर शिक्षा स्वास्थ्य एवं स्वच्छ पेयजल के लिए प्रतिबद्ध उपबंध मानव संसाधन को विकसित करेगा. उन्होंने आगे कहा कि बजट में अनेक जीवनोपयोगी मूल्यों की संरचना की गयी है.
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