Madhepura: जाप सुप्रीमो और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की जमानत की अर्जी एक बार फिर खारिज हो गई है. 32 वर्ष पुराने अपहरण के एक मामले में गिरफ्तार पप्पू यादव की जमानत की अर्जी पर मंगलवार को मधेपुरा कोर्ट में सुनवाई हुई. जिला जज ने वर्चुअल माध्यम से सुनवाई करते हुए अपना निर्णय दिया है. जिसमें उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है. इससे पहले 29 मई को भी पप्पू यादव की जमानत पर सुनवाई हुई थी. जिसके बाद मामले में सुनवाई के लिए एक जून की तारीख दी गई थी. मधेपुरा कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीजेएम प्रथम अनुप कुमार सिंह ने जानकारी के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व सांसद का बेल रिजेक्ट कर दिया है. बेल पिटिशन के लिए पूर्व सांसद के अधिवक्ता मनोज कुमार अम्बष्ठ और सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने अपना पक्ष रखा था.
इसे भी पढ़ें- बिहार : 24 घंटे में मिले कोरोना के 1113 नये मरीज, 59 की मौत,रिकवरी रेट बढ़कर हुआ 96.97 फीसदी
अपहरण के 32 साल पुराने मामले में जमानत याचिका खारिज
जाप सुप्रीमो सह मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव को अपहरण के एक 32 साल पुराने मामले में कोर्ट ने जेल भेज दिया था. पप्पू यादव पर वर्ष 1989 में सूचक शैलेंद्र यादव ने मुरलीगंज थाना में राम कुमार यादव तथा उमाशंकर यादव के अपहरण का मामला दर्ज करवाया था. इसी मामले में पटना पुलिस ने 12 मई को उन्हें गिरफ्तार किया था. इसके बाद मधेपुरा पुलिस ने उन्हें यहां लाया. कोर्ट में सुनवाई के बाद उन्हें बीरपुर जेल भेज दिया गया है. जहां पूर्व सांसद की तबीयत खराब होने के कारण दरभंगा इलाज के लिए भेजा गया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद जाप कार्यकर्ता लगातार आंदोलन कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि पूर्व सांसद ने राजीव प्रताप रूढ़ी द्वारा छिपाए गए एंबुलेंस प्रकरण को उठाया था, जो पूरे देश में चर्चा में रहा. जिसके बाद 32 वर्ष पुराने एक अपहरण के मामले में पुलिस ने पटना से उनको गिरफ्तार कर लिया.
इसे भी पढ़ें- साबिर अली BJP अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री बने