मंत्री कहते हैं ऐसे स्थल निरीक्षण से अफसरों व कार्य करने वाली एजेंसी में पैदा होता है डर
Ranchi: पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर को अपने अफसरों पर भरोसा नहीं है. अफसर पेयजल योजनाओं से संबंधित रिपोर्ट मुख्यालय को समर्पित करते है. उस रिपोर्ट में कितनी सच्चाई है. पेयजल मंत्री अफसरों द्वारा विभाग को समर्पित रिपोर्ट की सच्चाई जानने के लिए 30 मई को पेयजल योजना का निरीक्षण किया. चाईबासा के तांतनगर प्रखंड के पेयजल योजना का औचक निरीक्षण किया. एग्रीमेंट के तहत योजना का काम हो रहा है कि नहीं काम करने वाली एजेंसी से जाना. कार्य में तेजी लाने और गुणवक्ता में सुधार का निर्देश दिया. विभागीय अफसरों से योजना के बारे में विस्तृत जानकारी ली.
औचक निरीक्षण के बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि औचक निरीक्षण से यह पता चलता है कि विभाग और कार्य एजेंसी हमें गलत रिपोर्ट तो पेश नहीं कर रहे हैं. मैं सभी जगह अपने विभाग के कार्य का औचक निरीक्षण कर स्थल जांच के लिए पहुंचता हूं. जिससे मुझे यह संज्ञान में रहता है कि कौन सी योजना का काम कितना हुआ है. कौन एजेंसी काम कर रही है. साथ ही विभाग के अफसरों को डर भी लगा रहता है कि कार्य की सही रिपोर्ट ही समर्पित किया जाये. गलत रिपोर्ट पकड़ में आने पर कार्रवाई निश्चित होगी.
अफसरों को एक माह पूर्व शहरी जलापूर्ति योजना पूर्ण करने का निर्देश, मंत्री ने शहरवासियों से किया है वादा
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने प्रखंड के पेयजल योजना का निरीक्षण करने के बाद चाईबासा शहरी जलापूर्ति योजना की विस्तृत जानकारी अफसरों से ली. मिथिलेश ठाकुर ने निरीक्षण के दौरान कहा कि शहरी जलापूर्ति येाजना अक्टूबर में पूरा होनी है. लेकिन हमने शहर के लोगों से वादा किया है कि एक माह पहले सितंबर में योजना को सौंपेंगे. इसलिए संबंधित पदाधिकारी और एजेंसी को भी निर्देश दिया गया है कि चाईबासा शहरी जलापूर्ति योजना खास कर मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए उनको गुणवत्ता के साथ एक माह पहले पूर्ण कर दिया जाये. जिससे चाईबासा शहर के लोगों को योजना सौंप सकें.
मंत्री के ऐसे फरमान शहरी जलापूर्ति योजना का काम कराने वाले अफसरों और एजेंसी के सामने कई परेशानियां उत्पन्न कर रही हैं. तेजी काम कराने में तकनीकी खामियां आ सकती हैं, ऐसा अफसरों का कहना है. वहीं दूसरी तरफ पेयजल योजनाओं का काम करने वाली एजेंसियों का कहना है कि तय समय को देखते हुए काम हो रहा है. इस कोरोना महामारी में समय से पहले काम पूरा करना संभव नहीं है.