Jamshedpur ( Sunil Pandey) : परसूडीह थानान्तर्गत नामोटोला अग्रवाल कालोनी के रहने वाले कुणाल सिंह की पत्नी सुप्रिया सिंह की मौत मामले में आरोपी चिकित्सक डॉ. सुशील कुमार शर्मा (संचालक स्मृति सेवा सदन मानगो) के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानतीय वारंट जारी किया है. सुशील कुमार शर्मा विगत एक वर्ष से पुलिस को चकमा देकर फरार है. सुप्रिया सिंह की मौत डॉ. सुशील के गलत ऑपरेशन करने के कारण हुई. इस संबंध में एमजीएम थाना (कांड संख्या-101/2021) धारा 304 के तहत एक मामला कुणाल सिंह ने बीते वर्ष एक अक्टुबर को दर्ज कराया था. गॉल ब्लाडर में स्टोन होने की शिकायत के बाद महिला वहां ऑपरेशन कराने के लिए गई थी. परिजनों को विश्वास में लेकर डॉ. सुशील ने उसका गलत ऑपरेशन कर दिया. (जैसा की जांच टीम ने टिप्पणी की) जिससे महिला की मौत हो गई. इस घटना के बाद परिजनों की शिकायत पर तत्कालिन सिविल सर्जन ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की. जिसमें स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रेमलता, सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कुंदन कुमार सिंह एवं डॉ. विमलेश कुमार शामिल थे. तीनों चिकित्सकों ने पूरी बारिकी से मामले की जांच की. जांच टीम ने पाया कि डॉ. सुशील कुमार शर्मा ने गलत तरीके से स्वयं महिला का ऑपरेशन किया. डॉ. सुशील के पास ऑपरेशन करने की डिग्री (एमएस जेनरल सर्जरी) नहीं है. साथ ही उन्होंने एलसीपी (लैप चोल ऑपरेशन) की कोई ट्रेनिंग नही ली है.
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ऑपरेशन के बाद तीन दिन तक तड़पती रही बहू-अर्जुन सिंह

कुणाल सिंह के पिता सह अधिवक्ता अर्जुन सिंह ने बताया कि सुप्रिया सिंह को 21 सितंबर 2021 को स्मृति सेवा सदन में भर्ती कराया गया. तीन दिन वहां रहने तथा जरूरी जांच के बाद 23 सितंबर को उसका ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के बाद उसकी स्थिति बिगड़ने लगी. पति एवं परिजनों के कहने के बाद भी डॉ. सुशील ने महिला की बिगड़ती स्थित पर कोई ध्यान नहीं दिया. यहां तक की हायर सेंटर में रेफर तक नहीं किया. जिसके कारण दिनों-दिन उसकी स्थिति बिगड़ती चली गई. 26 सितंबर को मरणासन्न हालत में डॉ. सुशील ने स्वयं एम्बुलेंश बुलवाकर हार्ट का केस बताकर टीएमएच रेफर कर दिया. जहां तीन घंटे बाद ही सुप्रिया सिंह ने दम तोड़ दिया.
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जांच टीम के समक्ष कभी नहीं आए डॉ. कत्याल
तीन सदस्यीय जांच टीम को डॉ. सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि नम्रता सिंह का ऑपरेशन डॉ. ए कत्याल ने किया था. लेकिन मरीज की बीएचटी में उनका आधिकारिक हस्ताक्षर नहीं पाया गया. साथ ही वे प्रत्यक्ष रुप से जांच दल के सामने उपस्थित नहीं हुए. जांच टीम ने पाया कि डॉ. ए कत्याल एचईएम (हॉस्पीटल इंपैनलमेंट मोड्यूल) पोर्टल में पंजीकृत नहीं है. इसी तरह प्री एनेस्थेटिक चेकअप रिपोर्ट में डॉ. मीरा के द्वारा तैयार करने की बात कही गई. लेकिन एनेस्थेटिक रिकार्ड सीट में उनका कहीं हस्ताक्षर नहीं पाया गया. इसके अलावे महिला के पैथोलॉजी रिपोर्ट में किसी भी पैथोलॉजिस्ट का हस्ताक्षर नहीं पाया गया.
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ओटी असिस्टेंट ने तैयार किया था सर्जरी रिपोर्ट
जांच दल ने पाया कि ऑपरेशन के समय ऑपरेटिंग रिपोर्ट सर्जन के द्वारा तैयार नहीं किया गया था. बल्कि उक्त रिपोर्ट स्मृति सेवा सदन के ओटी असिस्टेंट तरूण कुमार ने लिखा था. जो ऑपरेटिंग प्रोसेड्यूर के अनुरूप नहीं था. इसी तरह डॉ. सुशील कुमार शर्मा के बयान एवं वहां कार्यरत नर्स की रिपोर्ट अलग-अलग पायी गई. डॉ. शर्मा ने जांच दल को बताया कि 24 सितंबर 2021 से महिला का ब्लड प्रेशर, पल्स, ऑक्सीजन लेबल बिगड़ते जा रहा था. जबकि वहां की नर्स की ओर से 26 सितंबर 2021 तक तैयार रिकार्ड सीट में सभी स्थितियां सामान्य दर्शायी गई हैं. महिला के डायबिटिक होते हुए भी किसी डायबिटिशियन अथवा जेनरल फिजिशियन से परामर्श नहीं लिया गया. जांच टीम ने माना की डॉ. सुशील ने महिला के ऑपरेशन में लापरवाही बरती.
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