Jamshedpur ( Sunil Pandey) : कृषि उत्पादन बाजार समिति की दुकानों एवं गोदामों का चुनाव कार्य में इस्तेमाल अगर बेहद जरूरी हुआ तभी हो सकेगा. यदा-कदा चुनाव के नाम पर परिसर का इस्तेमाल किए जाने पर हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की. हाई कोर्ट ने कहा कि लंबे समय तक परिसर के गोदामों में ईवीएम भंडारण करने से व्यावसायिक गतिविधियां टप्प हो जाती है. ऐसे में राज्य सरकार को इस संबंध में स्थायी रुप से अन्यत्र व्यवस्था करनी चाहिए. हाई कोर्ट ने उक्त टिप्पणी झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से दायर रिट याचिका (संख्या W.P.(C) no. 3977 of 2022) की सुनवाई करते हुए कही. उक्त रिट प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा ईवीएम भंडारण के लिये गोदाम के रूप में कृषि बाजार समिति की दुकानों एवं गोदामों का उपयोग करने से रोकने के लिये किया गया है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुये उच्च न्यायालय ने वर्ष 2013 में दायर एक पीआईएल (W.P.(PIL) 2944/2013) में पारित आदेश का हवाला दिया. जिसमें राज्य सरकार (अधिकारियों) को स्पष्ट आदेश दिया गया था कि चुनाव के लिये अथवा चुनाव के बाद मतपत्रों को रखने के लिये आवश्यक भूमि/स्थान चिन्हित कर इसका आवंटन किया जाना चाहिए. इसके लिये व्यवसायिक स्थानों/बाजारों समिति की दुकानों और गोदामों को अधिक समय तक प्रसाशनिक कब्जे में नहीं रखा जा सकता है.

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चुनाव कार्य लिए स्थायी भवन बनाने को कहा था
पीआईएल (W.P.(PIL) 2944/2013) की सुनवाई करते हुई हाई कोर्ट ने वर्ष 2017 में पारित आदेश में कहा था कि चूंकि चुनाव समय-समय पर होते रहते हैं, इसलिये भूमि का चयन और आवंटन के पश्चात् इसपर स्थाई रूप से चुनाव कार्य के लिए भवन का निर्माण किया जाय. जो इसका स्थाई समाधान होगा जिससे व्यवसायिक स्थलों, दुकानों, गोदामों को कब्जे में लेने की आवश्यकता नहीं होगी. उक्त आदेश में हाई कोर्ट ने कहा था कि राज्य में चुनाव कार्य एवं मतपत्रों को रखने के उद्देश्य से किसी के व्यवसायिक परिसर को कब्जे में लेना वांछनीय नहीं है.
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वर्ष 2018 में भी हाई कोर्ट ने जारी किया था आदेश
इसी तरह के मामले को लेकर वर्ष 2018 में मेसर्स भदानी टेडर्स, रांची बनाम झारखण्ड राज्य और अन्य के खिलाफ एक याचिका (W.P.(C) no. 6137/2018) दायर की गई थी. जिसमें झारखण्ड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि इस संबंध में जब वर्ष 2017 में (W.P(PIL) 2944/2013) में कोर्ट की टिप्पणियों के बावजूद प्रतिवादी अधिकारियों ने एक बार फिर कृषि बाजार समिति के व्यवसायियों के चल रहे व्यावसायिक परिसरों पर कब्जा करने की उसी पुरानी प्रथा का सहारा लिया है. अब से केवल असाधारण परिस्थितियों में ही यदि कोई सरकारी परिसर चुनाव कार्यों के लिये उपलब्ध नहीं हो पाता है तभी प्रतिवादी अधिकारी नागरिकों के व्यवसायिक परिसर को प्रशासनिक कब्जे में लें पायेंगे.
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हाई कोर्ट के आदेश से डीसी को कराया अवगत
हाल ही में आगामी नगर निकाय चुनाव को लेकर कृषि उत्पादन बाजार समिति (परसूडीह मंडी) की दुकानों एवं गोदामों को पुनः अधिग्रहण करने के जिला प्रशासन के आदेश के बाद सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त को मांग पत्र सौंपकर पुनर्विचार का आग्रह किया गया था. मंगलवार को दूसरी बार चैंबर के उपाध्यक्ष मुकेश मित्तल ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देकर उनसे आग्रह किया कि वे परसुडीह बाजार समिति की दुकानों और गोदामों को चुनाव कार्य के लिए कब्जे में नहीं लें. मुकेश मित्तल ने मांग पत्र की प्रतिलिपि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भी भेजी है.

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