Kiriburu (Shailesh Singh) : पब्लिक सेक्टर और सरकारी उपक्रमों का निजीकरण करने की केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ आगामी 17 नवम्बर को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेगी. रैली में शामिल होने के लिये भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध खान मजदूर संघ, किरीबुरु के सेलकर्मियों ने महामंत्री प्रकाश मोहंती व अध्यक्ष प्रमोद महन्तो के नेतृत्व में गोकुल नायक, रवि चन्द्र नायक, प्रह्लाद पात्रो, प्रफुल्लो पात्रो आदि के अलावे मेघाहातुबुरु श्रमिक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष बलराम महतो, जगन्नाथ चातर एंव केन्द्रीय कोषाध्यक्ष संतोष पंडा, सरगेया अंगारिया, लक्की राम गुंडुवा आदि के नेतृत्व में 15 नवम्बर को किरीबुरु और मेघाहातुबुरु से दिल्ली रवाना हुये.
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सरकारी क्षेत्रों को ले जा रहा निजीकरण की ओर – प्रकाश मोहंती
प्रकाश मोहंती ने कहा कि भारत सरकार रेलवे, रक्षा, डाक क्षेत्रों में अंधाधुंध कारपोरेटीकरण का सहारा ले रही है और “कोयला ब्लॉक का व्यावसायीकरण नीति” भी बना रही है, जिससे सभी कर्मचारियों को जबरदस्त तनाव में डाल दिया गया है, जो अंततः इन सरकारी क्षेत्रों को निजीकरण की ओर ले जा रहा है. रक्षा क्षेत्र के उद्यमों का निगमीकरण आत्मनिर्भर भारत योजना के लिए एक बड़ा झटका होगा. 41 ओएफबीएस को 07 निगमों में विलय कर दिया गया है और सरकार 08 ईएमई आधार-कार्यशालाओं के लिए सरकारी स्वामित्व वाले ठेकेदार संचालित (जीओसीओ) को अपनाने की कोशिश कर रही है.
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कोई प्रासंगिक अनुभव/विशेषज्ञता नहीं होने के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सरकार के लिए उच्च वेतन लागत वाले गलत-प्रशासित निकाय बन गए हैं. पीएसयू में संविदात्मक और आकस्मिक कर्मचारी हैं, इस तथ्य के बावजूद कि उनका काम बारहमासी प्रकृति का है. सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्र ज्यादातर संविदात्मक कर्मचारियों को नियोजित कर रहे हैं, जो उत्पादकता और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए खराब है,
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