LagatarDesk: RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक बुधवार से चल रही. मौद्रिक नीति समिति RBI की प्रमुख नीतिगत दरों का निर्धारण करती है. वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश होने के बाद MPC की यह पहली बैठक थी. RBI की द्विमासिक बैठक आज समाप्त हो गयी. RBI गवर्नर ने आज प्रेस कॉफ्रेंस किया. प्रेस कॉफ्रेंस में गवर्नर नीतिगत दरों की घोषणा की. RBI ने पिछले साल फरवरी से अब तक 1.15 फीसद की कमी कर चुका है.
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— ReserveBankOfIndia (@RBI) February 5, 2021
MPC रेपो रेट, बैंक रेट और अन्य रेट की करती है समीक्षा
बैठक में इकोनॉमी के मौजूदा स्थिति, लिक्विडिटी की स्थिति और अन्य बिन्दुओं को लेकर व्यापक चर्चा की गयी. आरबीआई की MPC की बैठक में रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, बैंक रेट और सीआरआर जैसे प्रमुख नीतिगत दरों की समीक्षा की जाती है और उस पर फैसला किया जाता है.
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जानें क्या है 2021-22 के लिए नीतिगत दर
- वित्त वर्ष 2021-22 में खुदरा महंगाई दर को 5.2 कर दिया गया. इससे पहले खुदरा महंगाई दर 5.8 फीसदी था.
- 2021-22 के लिए बैंक रेट 4.25 फीसदी ही रहेगा. बैंक रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया.
- 2021-22 के लिए रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है. पहले भी रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी थी.
- 2021-22 के लिए रेपो रेट 4 फीसदी है. यह भी अपरिवर्तित रहा.
- RBI गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में जीडीपी विकास की दर 3-26.2 के बीच रह सकती है.
- RBI ने वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ छह फीसदी का अनुमान किया है.
रेपो रेट 4 फीसदी, सस्ते EMI के लिए करना होगा लंबा इंतजार
रेपो रेट पर RBI बैंकों को कम समय के लिए लोन देता है. रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI बैंकों को लोन देता है. रेपो रेट कम होने का मतलब है कि ग्राहकों को बैंक से मिलने वाले कर्ज सस्ते हो जायेंगे. RBI ने दर में कोई बदलाव नहीं किया है. इसमें भी जनता को कोई राहत नहीं दी गयी. अब आम जनता को सस्ते EMI के लिए लंबा इंतजार करना होगा.
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