Sahibganj : गंगा में राष्ट्रीय जलमार्ग-एक (हल्दिया से प्रयागराज) के रास्ते कई देशों के 30 पर्यटक आगामी दिसंबर-जनवरी में दुनिया के सबसे लंबे सफर पर निकलेंगे. ये पर्यटक सितारा सुविधाओं से लैस ‘गंगा विलास’ क्रूज पर सवार होकर कोलकाता से रवाना होंगे. वहां से साहिबगंज होनते हुए बनारस जाएंगे. फिर कोलकाता वापस लौटकर बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ तक जाएंगे. इस यात्रा के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने रूट फाइनल कर दिया है. करीब 3200 किलोमीटर की यात्रा के दौरान क्रूज 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा, इसमें तीन डेक और 18 सुईट उपलब्ध हैं. 51 दिनों की यात्रा के लिए पर्यटकों को करीब साढ़े 25 लाख रुपये खर्च करने होंगे. 24 घंटे के लिए 50 हजार रुपये (प्रति सूईट) किराया तय किया गया है. वर्ष 2023 में किराया 25 हजार रुपये (24 घंटे का) था, लेकिन इस बार किराये में दोगुगी वृद्धि की गई है. बुकिंग फुल हो चुकी है.
यात्रा कार्यक्रम में पटना, साहिबगंज, बनारस, कोलकाता, ढाका और गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों के लिए विश्व धरोहर स्थल, राष्ट्रीय उद्यान और नदी घाटों को शामिल किया गया है. गंगा विलास क्रूज 12 मीटर चौड़ा और 62 मीटर लंबा है. यह क्रूज कोलकाता से बनारस के लिए एक अक्टूबर को निकल चुका है. 24 अक्टूबर तक बनारस पहुंचेगा. क्रूज में आस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, बेल्जियम और संयुक्त राज्य अमेरिका के कुल 14 पर्यटक सवार हैं. तीन दिन घूमने-फिरने के बाद पर्यटक 27 अक्टूबर को वापस कोलकाता के लिए रवाना हो जाएंगे. रिवर क्रूज के मालिक राज सिंह ने बताया कि गंगा विलास के दोनों ट्रिप की बुकिंग हो चुकी है. अप्रैल 2025 तक इस शाही क्रूज का बेस बनारस ही होगा. यहीं से पूर्वांचल और अवध क्षेत्र के विशेष स्थलों की सैर की सुविधा मिलेगी. देव दिवाली और प्रयाग में कुंभ के लिए खास बुकिंग शुरू हो चुकी है. बनारस से गाजीपुर-बक्सर-बलिया और बनारस से मिर्जापुर-प्रयागराज तक पर्यटकों को सफर का आनंद मिलेगा. क्रूज के 20 कमरों में 40 लोग सफर कर सकेंगे.
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