Ranchi: मुख्य अतिथि कांके विधायक सुरेश बैठा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड आदिवासियों का राज्य है, यहां एक तिहाई जनजातीय समुदाय निवास करते हैं. आदिवासी युवा तेजी से पढ़-लिख रहे हैं और अपनी जिम्मेदारी समझने लगे हैं.
यही कारण है कि आज आदिवासी समुदाय को देश-विदेश में पहचान मिल रही है. उनके संघर्ष और मेहनत को सम्मानित किया जा रहा है. यह बातें उन्होंने मंगलवार को मिसिर गोंदा स्थित नीचे बस्ती में एकता युवा संगठन के मिलन समारोह में युवाओं को संबोधित करते हुए कहीं.
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार युवाओं को रोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रही है. कॉलेज में पढ़ाई कर रही छात्राओं को ‘ मंईयां सम्मान योजना’ से जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा रहा है. आत्मनिर्भर बनने के लिए सरकार द्वारा पैसे खर्च किए जा रहे हैं. इसके अलावा, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, कंप्यूटर क्लास और ट्यूशन की व्यवस्था भी की जा रही है.
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आदिवासियों के अधिकार के लिए जल्द बनाए जाएं विशेष कानून – सोनू खलखो
मुख्य संरक्षक सोनु खलखो ने कहा कि बिहार से झारखंड अलग हुए 24 साल हो गए, लेकिन इसके बावजूद आदिवासी और मूलवासी लोगों को झारखंड में अपने हक और अधिकार नहीं मिल रहे हैं. उनकी जल, जंगल और जमीन खत्म हो रही है. जमीन विवादों को सुलझाने के लिए ठोस पहल नहीं की जा रही है.
जिसके कारण आज आदिवासियों के जमीन विवाद कोर्ट-कचहरी में वर्षों से चल रहे हैं. भू-माफिया तेजी से फर्जी कागजात के माध्यम से उनकी जमीन हड़प रहे हैं और पुलिस शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रही है. इस समस्या से निपटने के लिए सरकार को विशेष कानून बनाने की आवश्यकता है, ताकि आदिवासियों और मूलवासियों की जमीन संरक्षित हो सके.
सोनू खलखो ने कहा कि युवा अपने हक और अधिकार के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं. वे अपनी भाषा, संस्कृति और पहचान को बचाने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं. मौके पर बसंत उरांव, विकास तिर्की, बीरबल लोहरा, बीरू उरांव, गणेश लोहरा, शिवा लोहरा, विशाल उरांव, रजनी उरांव, मुकेश पाहन समेत अन्य लोग मौजूद थे.
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