Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जनहित याचिका पर अहम सुनवाई से पहले राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा के खिलाफ झूठी गवाही देने की याचिका दायर की है. कैबिनेट विभाग (विजिलेंस) के अधिकारी चंद्रभूषण प्रसाद ने झारखंड हाईकोर्ट में सीआरपीसी की धारा 340 के तहत याचिका दायर की है.
कई झूठे आरोप लगाए हैं
राज्य सरकार ने दावा किया है कि याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका संख्या 4290/2021 में कई झूठे आरोप लगाए हैं. इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने सीएम की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन और भाभी सरला मुर्मू के स्वामित्व वाली कंपनी सोहराई लाइवस्टॉक फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ झूठा बयान दिया. राज्य के उद्योग विभाग ने कंपनी को औद्योगिक उद्देश्यों के लिए 11 एकड़ जमीन आवंटित की है. लेकिन बाद में लीज रद्द कर दी गई. राज्य सरकार का आरोप है कि याचिकाकर्ता ने कंपनी की शुद्ध पूंजी के बारे में गलत बयान दिया और भूमि आवंटन को लेकर बेबुनियाद आरोप लगाए.
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कमेटी ने टेंडर रद्द कर दिया था
सरकार का आरोप है कि याचिकाकर्ता ने इसी तरह का बेतुका आरोप लगाया कि कंपनी द्वारा झूठे दस्तावेज जमा करने के बावजूद चतरा में आईटीआई प्रतापपुर के निर्माण के लिए नीलम कंस्ट्रक्शन को टेंडर दिया गया था. सरकार ने दावा किया कि कंपनी को टेंडर मिल गया था. लेकिन बाद में टेंडर कमेटी ने टेंडर रद्द कर दिया, क्योंकि कंपनी के अनुभव को वेरिफाई नहीं किया जा सका.
अदालत को गुमराह किया
एक और मामला उठाते हुए राज्य सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री के करीबी लोगों द्वारा रांची में जमीन हड़पने के एक कथित मामले के बारे में अदालत को गुमराह किया. याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार की छवि खराब करने के इरादे से ऐसा किया.
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