LagatarDesk : वित्तीय वर्ष 2020-21 में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 99.2 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है. इससे पिछले साल विदेशी मुद्रा भंडार में 64.9 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी. आरबीआई ने एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी. रिपोर्ट में कहा गया कि विदेशी मुद्रा भंडार पर मूल्यांकन लाभ, प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मूल्यों में गिरावट और सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रभाव पड़ता है.
वित्त वर्ष 2020-21 में विदेशी मुद्रा भंडार में इतनी हुई वृद्धि
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान मूल्यांकन लाभ 11.9 अरब डॉलर रहा. जो वर्ष 2019-20 में केवल 5.4 अरब डॉलर था. भुगतान संतुलन (मूल्यांकन प्रभावों को छोड़कर) के आधार पर वित्तवर्ष 2020-21 में विदेशी मुद्रा भंडार में 87.3 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई. जबकि 2019-20 में इसमें 59.5 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी.
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2020-21 में चालू खाता सरप्लस 23.9 अरब डॉलर
बता दें कि वित्त वर्ष 2020-21 में चालू खाता सरप्लस 23.9 अरब डॉलर रहा. जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में 24.7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था. आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में पूंजी खाता 63.4 अरब डॉलर हो गया. जो पिछले साल 84.2 अरब डॉलर था. वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में 80.1 अरब डॉलर विदेशी निवेशकों ने भारत में निवेश किया. एक साल पहले यह मात्र 44.4 अरब डॉलर था.
609 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा विदेशी भंडार
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 जून को समाप्त सप्ताह में 5.066 अरब डॉलर बढ़कर 608.999 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी करके इसकी जानकारी दी है. ता दें कि फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है.
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